बदमाशों ने गैस निकालने के यंत्र को नाली में फेंका, तीनों को थाने पहुंचाया
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शास्त्री नगर मैदान के पास गैस एजेंसी संचालित करने वाले व्यक्ति ने सुबह दो कर्मचारियों को कमर्शियल सिलेंडरों से गैस चोरी करते रंगे हाथों पकड़ा और उनके दोस्त के साथ नीलगंगा थाना पुलिस के सुपुर्द किया। बदमाशों ने पकड़ाने के बाद सिलेंडर से गैस चोरी करने का यंत्र नाली में फेंक दिया।
प्रकाश गर्ग पिता रामेश्वर गर्ग निवासी अलकापुरी की भारत गैस एजेंसी के नाम से शास्त्री नगर मैदान के पास एजेंसी है। उन्होंने सुबह अपने यहां काम करने वाले अनिल विश्नोई, प्रेम विश्नोई और महेश को सुबह ट्रक में रखे सिलेण्डरों से गैस चोरी करते रंगे हाथों पकड़ा और डायल 100 को सूचना दी। नीलगंगा थाना पुलिस यहां पहुंची और तीनों चोरों को पकडक़र थाने लाई।
प्रकाश गर्ग ने बताया कि शास्त्री नगर में उनकी कमर्शियल गैस सिलेंडर की एजेंसी है। यहां पर बोलेरो मैक्सी ट्रक में 54 सिलेंडर लोड थे। सुबह मेरे दोस्त अतुल श्रीवास्तव एजेंसी के सामने से गुजरे तो उन्होंने कर्मचारियों को भरे सिलेंडर से खाली सिलेंडर में गैस भरते देखा। इसकी सूचना मुझे दी। सूचना मिलते ही मैं एजेंसी पर पहुंचा। मुझे देख गैस चोरी कर रहे अनिल और प्रेम ने तुरंत गैस चोरी करने का यंत्र नाली में फेंक दिया।
इसकी रिपोर्ट नीलगंगा थाने में दर्ज करा रहे हैं। प्रकाश गर्ग ने बताया कि अनिल और प्रेम शास्त्री नगर में ही किराये का मकान लेकर रहते हैं और एजेंसी पर काम करते हैं। उनका दोस्त महेश दो माह पहले सिलेण्डर से गैस चोरी करते पकड़ाया था। उसे भारत गैस एजेंसी के भोपाल स्थित हेड ऑफिस के सुपुर्द किया था जहां महेश ने जहर खा लिया तो उसे उज्जैन लाए थे। हालांकि उस दौरान महेश को पुलिस के सुपुर्द नहीं किया था सिर्फ नौकरी से बाहर किया था।
3 सिलेंडर से गैस चुराकर एक नया सिलेंडर भर लेते हैं
प्रकाश गर्ग ने बताया कि कुछ गैस हॉकर के पास गैस चोरी करने का यंत्र होता है जिसे यह लोग बांसुरी कहते हैं। यह लोग भरे सिलेंडरों की सील तोडक़र बांसुरी की मदद से खाली सिलेण्डर में गैस भर लेते हैं। एक कमर्शियल सिलेंडर को चोरी की गैस से भरने के लिये 3 से 4 सिलेंडरों का उपयोग कर प्रत्येक में से 3-4 किलो गैस खाली किया जाता है। कमर्शियल सिलेंडरों का उपयोग बड़े कार्यक्रमों शादी, पार्टी के साथ ही होटलों सहित अन्य व्यावसायिक कार्य में होता है। ऐसे में लोग सिलेंडर से गैस चोरी होने का अनुमान नहीं लगा पाते जबकि चोरी करने वाले हॉकर चोरी की गैस से रिफिल किये गये सिलेंडर को बाजार में ब्लैक में बेच देते हैं।