हार्ट अटैक की आशंका, अफसर चिंता में, सात दिन में तीसरे पुलिसकर्मी पर भारी पड़ा दिन
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। दो पुलिसकर्मियों को आए हार्ट अटैक और उनके असामयिक निधन की घटना की खबर अभी शांत भी नहीं हुई थी कि मिलादुन्नबी के जुलूस में ड्यूटी दे रहा एक प्रधान आरक्षक दिल पर हाथ रखकर कराहता हुआ अपने साथी आरक्षक के साथ सिविल अस्पताल पहुंचा। उसे भर्ती कर लिया गया है। इलाज चल रहा है। डॉक्टर ने हार्ट अटैक की आशंका से इंकार नहीं किया है। इस घटना से पुलिस विभाग के अफसर एक बार पुन: चिंता में आ गए हैं।
बताया जाता है कि जीवाजीगंज थाने में तैनात प्रधान आरक्षक करीब 45 वर्षीय चंद्रपाल सिंह सोमवार को मिलादुन्नबी के जुलूस की व्यवस्था संभालने के लिए केडी गेट पर तैनात था। वह सुबह 6 बजे अपने कर्तव्य स्थल पर पहुंच गया था। उसके साथ आरक्षक निर्मल भी ड्यूटी पर तैनात था। करीब 8 बजे प्रधान आरक्षक चंद्रपाल सिंह के सीने में दर्द शुरू हुआ।
घबराहट बढऩे पर उसने साथी निर्मल को इसकी जानकारी दी। निर्मल ने तत्परता दिखाते हुए अपनी बाइक पर चंद्रपाल को बैठाया और सिविल अस्पताल पहुंचा। इमरजेंसी में ड्यूटी डॉ. अदिति सिंह ने उसे तत्काल भर्ती कर लिया और उपचार शुरू करते हुए इसीजी जांच कराई। डॉ. सिंह ने कहा कि चंद्रपाल को हार्ट अटैक की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। उसे फिलहाल आब्र्जवेशन में रखा गया है। उधर इस घटना की खबर पुलिस महकमे में भी फैल गई। बताया जाता है कि अफसर इस घटना से चिंता में आ गए हैं।
डॉक्टर को क्यों नहीं बुलाया
सिविल अस्पताल के कर्मचारियों को भी पता है कि उज्जैन शहर में दो पुलिसकर्मियों की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। सोमवार को यह तीसरा मामला था इसके बावजूद सिर्फ प्रारंभिक उपचार ही किया गया। नियम यह है कि गंभीर मरीजों के उपचार के लिए कॉल पर तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर को बुलाया जाता है, लेकिन यहां प्रधान आरक्षक चंद्रपाल सिंह के लिए ढाई घंटे बाद भी कोई नहीं आया। इससे साबित होता है कि सिविल अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था किस ढर्रे पर चल रही है।
सिविल में रहता तो हो जाती अनहोनी
सुबह करीब 8 बजे प्रधान आरक्षक चंद्रपाल को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां ड्यूटी डॉक्टर ने उसका प्रारंभिक उपचार तो कर दिया लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर का सुबह 10.30 बजे तक अता पता नहीं था। अनहोनी की आशंका के चलते चंद्रपाल ने सिविल अस्पताल में रुकना मुनासिब नहीं समझा। उसने अपने साथी निर्मल से कहा कि उसे किसी प्रायवेट अस्पताल में उपचार कराना है। परिजनों के साथ प्रायवेट अस्पताल में जांच कराऊंगा।