पटाखों और प्रदूषण के बीच कैसे रखें खुद का और अपनों का ध्यान?

दिवाली का नाम लेते ही रौशनी, मिठास और खुशियों की प्यारी तस्वीर सामने आ जाती है। यह दिन अपने परिवार के साथ मिलकर खुशियों को दोगुना करने का होता है। साथ ही, हम पटाखे जलाते हैं, मिठाइयां खाते हैं और एक-दूसरे को बधाइयां देते हैं। इस खास मौके पर घर दीपों से सज जाता है और पकवानों की खुशबू हर कोने में फैल जाती है। ऐसे में जरूरी है कि दिवाली के जश्न के साथ-साथ कुछ सावधानियां भी बरती जाएं, ताकि आप खुद और अपने अपनों का अच्छे से ख्याल रख सकें। आइए जानते हैं कुछ जरूरी दिवाली सेफ्टी टिप्स।
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बाहर निकलें तो मास्क पहनना न भूलें
दिवाली के दौरान हवा में जहरीले कणों की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। खासकर पटाखों की वजह से वातावरण में धुंआ और हानिकारक गैसें भर जाती हैं। ऐसे में जब भी घर से बाहर जाएं, मास्क जरूर पहनें, ताकि फेफड़ों को हानि न पहुंचे। यह सलाह विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या सांस की तकलीफ से पीड़ित लोगों के लिए बेहद जरूरी है।
दीयों के साथ बरतें विशेष सावधानी
दीये सजाते वक्त ये सुनिश्चित करें कि वे किसी पर्दे, कपड़े या लकड़ी के फर्नीचर के नजदीक न हों। दीया जलाते समय सूती कपड़े पहनना और बालों को बांधकर रखना भी एक समझदारी भरा कदम होगा। इससे आग लगने की संभावना को काफी हद तक टाला जा सकता है।
पटाखे जलाएं मगर सुरक्षित तरीके से
पटाखों को जलाने के लिए माचिस की जगह अगरबत्ती या स्पार्कलर (फुलझड़ी) का प्रयोग करें, ताकि हाथों को पटाखे से दूरी मिल सके। कोई भी पटाखा जलाते वक्त झुकने की बजाय दूर से जलाएं और तुरंत हट जाएं।
पटाखों के लिए खुले स्थान का चयन करें
किसी बंद या अंधेरी जगह पर पटाखे जलाना गंभीर हादसे को न्योता दे सकता है। पटाखे हमेशा खुले और हवादार मैदान में ही जलाएं, और यह सुनिश्चित कर लें कि वहां आसपास कोई ज्वलनशील वस्तु या गैस सिलेंडर न हो।
जल जाने पर तुरंत करें ये प्राथमिक उपचार
अगर किसी कारणवश हल्का जल जाएं तो तुरंत उस जगह को ठंडे पानी से धोएं या बर्फ के पानी में डुबो दें। इसके बाद नारियल का तेल लगाने से जलन में राहत मिलती है। लेकिन अगर जलन अधिक हो तो किसी घरेलू नुस्खे के बजाय तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।










