आईजीएसटी क्रेडिट गलती से क्लेम कर लिया तो रिवर्स करने की जरूरत नहीं
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:कलकत्ता हाई कोर्ट के हाल के निर्णय के मुताबिक आईजीएसटी क्रेडिट के मामलों में व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि गलती से एसजीएसटी -सीजीएसटी की जगह आईजीएसटी लिया जाए तो उसे रिवर्स करने की जरूरत नहीं है।
हाई कोर्ट ने कोसिन लिमिटेड और प. बंगाल के कर विभाग के मामले पर कहा कि आईजीएसटी क्रेडिट रिवर्स करने की जरूरत उस मामले में नहीं है, जबकि करदाता ने क्रेडिट का उपयोग एसजीएसटी-सीजीएसटी की लाइबिलिटी चुकाने में किया हो। कंपनी ने लगभग 1.5 करोड़ की आईजीएसटी क्रेडिट का उपयोग एसजीएसटी की लाइबिलिटी चुकाने में कर दिया।
हालांकि कर विभाग ने नोटिस देकर कहा कि क्रेडिट की राशि राज्य को ट्रांसफर होनी थी। जीएसटी सिस्टम में खरीद-बिक्री यदि एक से अधिक राज्यों से संबंधित हो तो आईजीएसटी देय होता है। केंद्र वसूल करता है और आधा हिस्सा उसे और आधा उस राज्य को मिलता जहां माल या सर्विस सप्लाई की जाती है।
अभी टैक्स अधिकारी नोटिस दे देते हैं
जानकारों के अनुसार हाई कोर्ट ने निर्णय में कहा कि आईजीएसटी से केंद्र को अपना टैक्स का हिस्सा मिल गया। एसजीएसटी की लाइबिलिटी चुकाने से राज्य सरकार को भी उसका हिस्सा मिल गया इसलिए क्रेडिट को रिवर्स करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे कई मामले आते हैं जिनमें व्यापारी और कंपनियों का कम दो या अधिक राज्यों में होता है। बहुत बार गलती से आईजीएसटी क्रेडिट ले लिया जाता है, बाद में टैक्स अधिकारी से नोटिस आ जाता है। ऐसे मामलों में बड़ी राहत मिलेगी।