बैलेंस डाइट
शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाने में बैलेंस डाइट एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गर्मियों में पाचन शक्ति कमजोर रहती है, जिससे खाना पचने में काफी समय लगता है। बच्चों को बैलेंस डाइट दे ताकि इस मौसम में होने वाले डायरिया , टाइफाइड रोगों से बचाव किया जा सके।
कपड़ों का सही चुनाव
बच्चों की त्वचा बहुत नाजुक और कोमल होती है, जिस कारण उनकी त्वचा भीषण गर्मी को सह नहीं पाती ,जिससे उन्हें घमौरियां , रैसेसे ,लाल धब्बें आदि रोग हो सकते है और बच्चें इससे बहुत अधिक चिड़चिड़े और परेशान हो जाते है । ऐसे में बच्चों को इस परेशानी से बचाने के लिए सूती और ढ़ीले – ढाले कपड़े पहनाए , जिससे उन्हें हवा भी लगती रहेगी और घमौरियां होने की संभावना लगभग कम हो जाती है।
सही मात्रा में पानी का सेवन
जल ही जीवन है , जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं। गर्मियों में पानी का सेवन बच्चों को उचित मात्रा में कराएं जिससे डिहाइड्रेशन जैसी गम्भीर बीमारी से बचाया जा सके।
सनस्क्रीम का प्रयोग
सूर्य की किरणे शरीर पर सीधे संपर्क में आने से सनबर्न जैसी समस्याएं उत्पन हो जाती है। बच्चो की त्वचा बहुत ही कोमल होती है उन पर इसका असर बड़ो की अपेक्षा बहुत अधिक होता है। इस समस्या से बचाव के लिए बच्चो के त्वचा पर जांची परखी हुई सनस्क्रीम को अवश्य लगाएं । साथ ही कैप और धूप वाले चश्मे का भी इस्तेमाल करे।
मच्छरों से बचाव
गर्मियों के मौसम में मच्छरों की संख्या में भी इज़ाफा हो जाता है। दिन – रात ये सभी को बहुत अधिक परेशान करते है । इसका बुरा असर बच्चों पर अधिक होता है ।मच्छरों के काटने के कारण खतरनाक बीमारियां जैसे – डेंगू , चिकनगुनिया , मलेरिया होते हैं । मच्छर आसपास में फैली हुई गंदगी तथा जमे हुए पानी में पनपते है । ऐसे में हमें आपने आस – पास सफाई रखें और ध्यान रखें कि कही पर भी पानी इकट्ठा न हो सके । इससे बचाव हेतु मच्छरदानी का प्रयोग करें साथ ही बच्चो को फुल कपड़े पहनाए।
रोजाना नहलाना
दैनिक दिनचर्या में सबसे महत्वपूर्ण कार्य नहाना होता है । गर्मियों के मौसम में बार – बार पसीना आने के कारण शरीर में गंदगी जमा होने लगती हैं । इस कारण बच्चो को गर्मी से निजात देने के लिए रोज नहलाना भी जरूरी है ,लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि ज्यादा साबुन और शैंपू का इस्तेमाल करने से बच्चो की त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है।बच्चो को ठंडक देने के लिए केवल पानी द्वारा भी नहलाया जा सकता है।
एसी का अधिक प्रयोग न करना
चिलचिलाती धूप और गर्मी से बचने के लिए लोग एयर कंडीशनर का सहारा लेते है । ये हमे गर्मी में ठंडक देती है जिस कारण एयर कंडीशनर को प्रेफर किया जाता है ,परंतु इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से ये हमे नुकसान भी पहुंचता है । इसका असर बच्चो पर अधिक होता है। लगातार एयर कंडीशनर वाले रूम में रहने के बाद जब बच्चे सामान्य तापमान वाले स्थान पर जाते है तो वह सर्दी – जुखाम, बुखार आदि रोग से पीड़ित हो सकते है । इस कारण बच्चो को जहां तक संभव हो उन्हें सामान्य तापमान में रहने का आदी बनाएं ताकि उनमें हर तापमान को सहने की क्षमता हो।
जूस का सेवन
अधिकतर माता -पिता अपने बच्चे के स्वास्थ को लेकर काफी चिंतित रहते है। गर्मियां आते ही बच्चे कई बीमारियों से ग्रसित हो जाते है ।बच्चो का इम्यूनिटी सिस्टम काफ़ी कमजोर रहता है। बच्चों के भोजन में जूस को शामिल करने से उनके इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने मे मदद में मदद मिलती है।जूस में प्रचुर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स होते हैं जो बच्चे के सेहत के लिए काफ़ी फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
आइसक्रीम,कोल्डड्रिंक का सेवन कम से कम
गर्मी से निजात पाने के लिए लोग ठंडे पेयजल को पीना काफी पसंद करते है।ठंडी पेयजल बच्चो को बहुत पसंद होता है। कही बाहर से आने के तुरंत बाद ही फ्रीज का ठंडा पानी पीने से बच्चें बीमारियों से पीड़ित हो जाते है।इसका अधिक प्रयोग करना बच्चो के सेहत के लिए काफ़ी हानिकारक होता है। इससे सर्दी -जुखाम,बुखार बनी रहती है जिससे बच्चे परेशान हो जाते है। ठंडे पेयजल के अतिरिक्त आइसक्रीम ,कोल्डड्रिंक का भी सेवन बच्चो को कम से कम से ताकि वह स्वस्थ रहे ।
घर के बाहर कम निकलना
गर्मियों में संभव हो सके तो घर में ही रहे। गर्म हवा के थपेड़े बच्चें सह नहीं सकते है वह उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे लू लगने की संभावना होती है। लू लगने से बच्चो को डायरिया, पेचिश ,लगातार उल्टी हो सकती है। जहां तक प्रयास करे कि स्वयं ही घर से बाहर जाए । यदि आवश्कता पड़ने पर ही बच्चें को बाहर ले जाए।