मुमुक्षु गांधी के प्रव्रज्या पर्व में निकला वर्षीदान वरघोड़ा

उज्जैन। अहमदाबाद निवासी मुमुक्षु मौलिक गांधी के प्रव्रज्या पर्व के चौथे दिन वर्षीदान वरघोड़ा बड़े उपाश्रय से निकाला गया, जो छोटा सराफा, कंठाल चौराहा, कोयला फाटक होता हुआ महाकाल परिसर पहुंचा। यहां धर्मसभा हुई। जैनाचार्य जिनसुंदरसूरि धर्मबोधिसूरि महाराज ने कहा कि वरघोड़े में संसार त्यागी मुमुक्षु ने दोनों हाथों से पैसे जैसी कई सारी चीजों का उदार मन से त्याग किया। पैसा, बंगला, गाड़ी, जमीन, जायदाद तो यह भव में ही छोडक़र जाना है, परलोक में ये कुछ भी काम नहीं आएगा।
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आत्मा की उन्नति तो अन्य जीवों को प्यार करने से, उनके दु:ख को दूर करने से, सभी जीवों का शांति देने से मिलने वाली है। पूज्य आचार्यश्री ने वरसीदान का महत्व समझाया और मुमुक्षु के हाथों से मंगल रूप एक चांदी का सिक्का संतप्रेमियों ने ग्रहण किया। रात को श्री अवंति पाश्र्वनाथ मंदिर में महाआरती की गई।