क्रासिंग सेंटर है इंदौर… बस और रेल के जरिए हो रही है देसी पिस्टल की तस्करी

अक्षरविश्व न्यूज इंदौर। सिकलीगरों से देसी पिस्टल लेकर जाने वाले दूसरे इस्टेट के बदमाश रेल और बस का उपयोग करते है। इंदौर इसका क्रासिंग सेंटर होने से आए दिनों यहां बाहरी बदमाश हथियारों के साथ पकड़े जाते हैं लेकिन सिकलीगरों को पकडऩे में पुलिस को अच्छी खासी मशक्कत करना पड़ती है।
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धार, खरगोन, बड़वानी और खंडवा में कई सिकलीगर देसी पिस्टल बनाकर बेचने का काम करते है। कई बार ये खुद उनको हथियारों की डिलेवरी देने आते है तो कई बाहरी बदमाश खुद ही डिलेवरी लेने सिकलीगरों के पास पहुंचते हैं। छत्रीपुरा पुलिस ने बुलंदशहर के बदमाश दीपक शर्मा को एक दर्जन देसी पिस्टल के साथ पकड़ा है। वह बस से धार से इंदौर पहुंचा था। यहां से दूसरी बस से बुलंदशहर जाने वाला था लेकिन बस स्टैंड पर चेकिंग में वह पकड़ा गया। उसका एक साथी भाग निकला है। उसने सिकलीगर का नाम पुलिस को बताया है उसकी तलाश में एक टीम भेजी गई है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इंदौर क्रासिंग सेंटर होने से बाहरी बदमाश और गंैगस्टर पहले इंदौर आते हैं और फिर यहां से बस से जाते है। इस दौरान पुलिस ने कई बार कुख्यात गैंगस्टरों को पकड़ा है। क्राइम ब्रांच हरियाणा, पंजाब के कई गंैगस्टरों को हथियार की खेप लेकर जाते पकड़ चुकी है। यहां के बदमाश रेल से इंदौर पहुंचते है और फिर बस से सिकलीगरों से डिलेवरी लेने जाते है। जबकि कुछ बदमाश अपनी निजी कार से भी खेप लेकर जाते हुए पकड़े जा चुके है। कई बार क्राइम ब्रांच रेलवे स्टेशन के पास से होटलों से बाहरी बदमाशों को पिस्टल के साथ पकड़ चुकी है।
कुछ समय पहले यूपी की एक महिला कोरियर भी इंदौर से हथियारों की खेप लेकर जाते पकड़ी गई थी। वहीं कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच ने यूपी के एक तस्कर को आठ पिस्टल के साथ पकड़ा था। उसको हथियारों की खेप देने वाले सिकलीगर गुरूदयाल को दो दिन पहले ही क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि बस और रेल से गैगस्टर और तस्कर हथियारों की खेप लेकर जाते है इंदौर क्रासिंग सेंटर होने से यहां से उनको गुजरना पड़ता है और वे पकड़े जाते है।
ऑनलाइन फोटो से सौदा
पुलिस से बचने के लिए अब सिकलीगर ऑनलाइन फोटो डालकर हथियारों का सौदा करते हैं। पैसा भी ऑनलाइन खाते में जमा करवा लेते है, ताकि उनको कोई नुकसान न हो। खाते भी उनके नौकरों के होते है। इसके चलते पुलिस सिकलीगरों को नहीं पकड़ पाती है। पकड़े गए कोरियर से सिकलीगर का नंबर पुलिस को मिला है। बताते है कि यह भी दूसरे के नाम का है। पुलिस मोबाइल की जांच से आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।









