INDORE-Jaipur, INDORE-Jabalpur के बीच चलेगी वंदे भारत ट्रेन

इंदौर। पूरी तरह से भारत में निर्मित 120 से 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौडऩे वाली देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत इंदौर-जयपुर और इंदौर-जबलपुर के बीच भी चलेंगी।
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रेलवे बोर्ड ने प्लानिंग में दोनों रूट लिए हैं। इंदौर-जयपुर ट्रेन को पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल और इंदौर-जबलपुर को पश्चिम मध्य रेलवे चलाएगा। सब कुछ योजना के अनुसार चला तो 2024 तक दोनों ट्रेन पटरी पर उतर सकती हैं।
अभी दिल्ली-कटरा और दिल्ली-वाराणसी के बीच नई डिजाइन वाली वंदे भारत ट्रेन के दो रैक चल रहे हैं। इसका अपग्रेडेड तीसरा रैक पटरी पर उतर गया है। 16 डिब्बों के प्रोटोटाइप रैक वाले सेकंड वर्जन का गुरुवार से कोटा मंडल के हिस्से वाले कोटा-नागदा सेक्शन में 180 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार पर ट्रायल किया जा रहा है।
शनिवार को यात्रियों के जितना वजन रखकर कोटा-नागदा और कोटा-सवाई माधोपुर सेक्शन में ट्रायल हुआ। रतलाम डिवीजन के डीआरएम विनीत गुप्ता ने बताया वंदे भारत ट्रेन को इंदौर से जयपुर और इंदौर से जबलपुर के बीच भी चलाने की योजना है। यह ओवर नाइट के रूप में चलेगी। रतलाम मंडल के इंदौर स्टेशन से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन का मेंटेनेंस इंदौर में होगा।
सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन हैं: वंदे भारत ट्रेन देश की सबसे प्रीमियम ट्रेनों में से एक है। यात्रियों की सुरक्षा और सर्वसुविधा युक्त आरामदायक सफर के लिए इसे आरडीएसओ (अनुसंधान, अभिकल्प और मानक संगठन) की खास टीम ने डिजाइन किया है।
यह ट्रेन सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन युक्त है। यानी इसे चलाने के लिए अलग से इंजन लगाने की जरूरत नहीं होती। दरवाजे ऑटोमेटिक हैं। एसी चेयर कार वाले कोच, रिवॉल्विंग चेयर दी हैं, जो 180 डिग्री तक घूम सकती है।
तीसरे रैक का रूट तय नहीं: वंदे भारत ट्रेन के तीसरे रैक का रूट अभी तय नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि तीसरी ट्रेन दक्षिण भारत के किसी रूट पर चलेगी। नया अपग्रेडेड रैक 12 अगस्त को चेन्नई में इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) से परीक्षण के लिए रवाना होकर 24 अगस्त को कोटा पहुंचा। 25 अगस्त से आरडीएसओ लखनऊ टीम की देखरेख में ट्रायल चल रहा है।
भोपाल: 16 कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रायल सितंबर में
16 कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस का सितंबर के दूसरे पखवाड़े में ट्रायल होगा। इसमें यात्रियों के औसत वजन के हिसाब से रेत को बोरे में भरकर 180 किमी किमी प्रतिघंटा के रफ्तार से दौड़ाकर चेक किया जाएगा।
ट्रायल के लिए अलग-अलग स्पीड तय की गई हैं। इस दौरान इमरजेंसी ब्रेक का भी इस्तेमाल होगा ताकि ये पता लग सके कि हाई स्पीड के दौरान ट्रेन पर ब्रेक का क्या असर होता है। ब्रेक लगाने के बाद वह कितनी दूरी पर जाकर रुकती है।









