Indore Vegan Wedding : दूल्हा घोड़ी नहीं चढ़ेगा, दावत में दूध दही, पनीर के आइटम नहीं बनेंगे

इंदौर के शाह परिवार में 18 नवंबर होगी वीगन शादी

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मेहमानों से ऊन-सिल्क के कपड़े न पहनने की अपील

अक्षरविश्व न्यूज:इंदौर। इंदौर का शाह परिवार दूसरी बार वीगन शादी करने जा रहा है। 18 नवंबर को रिटायर्ड बैंककर्मी गिरीश शाह की छोटी बेटी क्षमा की शादी है। इसमें मेहमानों को डेयरी प्रोडक्ट्स से बनी डिश नहीं परोसी जाएंगी, जो भी डिश बनेगी वह वीगन रहेगी। इस वीगन शादी में न तो ढोल बजेगा, न ही दूल्हा घोड़ी चढ़कर अपनी दुल्हनिया को लेने जाएगा बल्कि गाड़ी का इस्तेमाल करेगा। परिवार ने शादी का निमंत्रण कार्ड भी नहीं छपवाया है। मेहमानों को डिजिटल निमंत्रण दिया है।

शाह परिवार ने शादी में आने वाले मेहमानों से अपील की है कि वे लेदर का बेल्ट पहनकर न आए। ऊन या सिल्क की बजाय कॉटन के कपड़े पहनकर आने की अपील की गई है। प्रदेश में जैन समाज की ये चौथी वीगन शादी होगी।

शाह फैमिली कैसे बनी वीगन

गिरीश शाह बताते हैं- हम लोग जैन समुदाय से आते हैं तो हमें लगता था कि हम शाकाहार का पालन कर रहे हैं। घर में दूध, दही, मावा समेत सारे डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते थे। बैंक से रिटायर होने के बाद मैं एनिमल एक्टिविस्ट बन गया। पशु क्रूरता के खिलाफ ऑनलाइन कैंपेन चलाता था। इस दौरान एक व्यक्ति ने मुझ पर तंज कसा कि आप कैसे शाकाहारी हो? क्या दूध पेड़ से उगता है? यह सुनकर मैं सोच में पड़ गया। इसके बाद मैंने गूगल पर सर्च किया।

रिसर्च के दौरान मुझे वीगन शब्द के बारे में पता चला। इसी दौरान मैंने कू्रएलिटी इन डेयरी इंडस्ट्री से जुड़ा एक वीडियो देखा। इस वीडियो के जरिए मुझे पता चला कि जानवरों पर कितना अत्याचार होता है। इसकी शुरुआत ही डेयरी से होती है। इस वीडियो ने मुझे बेचैन कर दिया। इसके बाद मैंने डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल तुरंत ही बंद कर दिया।

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