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जेईई मेन अगली बार बदलाव के साथ

2026-2027 का एग्जाम करवाने की जिम्मेदारी के लिए जेईई एपेक्स बोर्ड का पुनर्गठन किया गया

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नई दिल्ली। 2026 और 2027 के इंजीनियरिंग एंट्रेंस टेस्ट की पॉलिसी और नियमों में क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं, इसको तय करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जेईई मेन एपेक्स बोर्ड (छ्व्रक्च) का पुनर्गठन किया है। जेईई मेन की परीक्षा के बाद आईआईटी में एडमिशन के लिए जेईई एडवांस्ड का आयोजन किया जाता है। नया बोर्ड दोनों परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए एलिजिबिलिटी शर्ते, नियमों को अंतिम मंजूरी देगा। बोर्ड की पहली बैठक जल्द होगी, जिसके बाद जेईई मेन परीक्षा के शेड्यूल और नियमों की जानकारी कैंडिडेट्स को मिल सकेगी।

जेईई मेन की परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) मोड में होती है और यह प्रक्रिया आने वाली परीक्षाओं में भी जारी रहेगी लेकिन नॉर्मलाइजेशन का सवाल बड़ा है। अभी नॉर्मलाइजेशन को लेकर जो फॉर्मूला अपनाया जाता है, उसको लेकर कैंडिडेट्स की शिकायतें सामने आती हैं। सूत्रों का कहना है कि जब बोर्ड की मीटिंग होगी, तो उसमें शेड्यूल के साथ-साथ नॉर्मलाइजेशन का मसला भी अहम होगा। साथ ही पिछली परीक्षा में क्या क्या कमियां सामने आई थीं, उनको भी बोर्ड के सामने रखा जाएगा। जेईई मेन दो चरणों में होती है। हर चरण में अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा होती है। प्रश्न पत्र की सेटिंग बड़ा सवाल है और प्रश्न पत्र के स्टैंडर्ड को लेकर भी छात्र शिकायतें करते हैं।

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बोर्ड में आईआईटी डायरेक्टर: जेईई एपेक्स बोर्ड की अध्यक्षता बीएचयू के पूर्व वाइस चांसलर प्रफेसर एस. के. जैन करेंगे। बोर्ड में आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर, आईआईटी रुडक़ी, एनआईटी राउरकेला के डायरेक्टर होंगे। कुल 19 सदस्यों का बोर्ड बनाया गया है, जिसमें सीबीएसई के चेयरमैन, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डायरेक्टर जनरल को मेंबर सेक्रेटरी बनाया गया है। जेईई मेन का आयोजन एनटीए द्वारा किया जाता है। इसके साथ ही बोर्ड में आंध्र प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, यूपी सरकारों के प्रतिनिधि भी होंगे। शिक्षा मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करना सबसे अहम है।

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