अच्छे संस्कारों के न मिलने का परिणाम है लव जिहाद

अष्टान्हिका महोत्सव में व्याख्यान देने आए वैज्ञानिक डॉ. सोनू जैन ने कहा

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

advertisement

मन में किसी के प्रति बुरे भाव आना भी हिंसा है

उज्जैन। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपनिदेशक डॉ. सोनू जैन इन दिनों उज्जैन में है। वे जैन समाज के अष्टान्हिका महोत्सव में व्याख्यान देने आए हैं। संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी और प्राकृत भाषा के प्रकांड विद्वान सोनू जैन अपने व्याख्यानों के लिए देशभर में पहचाने जाते हैं। वे धर्म विज्ञान, आध्यात्म और सामाजिक समरसता को लेकर युवाओं को प्रेरणा देते हैं।

advertisement

चुनिंदा पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा लोगों ने जैन धर्म को केवल उसी का धर्म मान लिया है यह ठीक नहीं है। यह धर्म एक दिशा है, जो पूरे विश्व के लिए है। इसका एक अंश है अहिंसा। इस मार्ग पर चल कर हम अपने समाज और देश को नई दिशा दे सकते हैं। देश में जितने भी संत, महात्मा और महापुरुष हुए हैं उन्होंने इसकी न सिर्फ व्याख्या की है बल्कि सभी को इस मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज विश्व की स्थिति बड़ी अजीब हो गई है। अपने हथियार बेचने के लिए डराया जा रहा है। जो कमजोर होता है वही डराने की कोशिश करता है। भारत शक्तिशाली देश है। हमने आगे बढक़र कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया। क्षमा हमारी रक्तवाहिनियों में विद्यमान है। उन्होंने कहा कि जीवन का इंश्योरेंस धर्म शास्त्र है।

किसी के अधिकारों का हनन न करें

advertisement

डॉ. सोनू जैन ने कहा कि शास्त्र हमें यह नहीं सिखाते कि हम किसी के अधिकारों का हनन करें। अहिंसा क्या है? उन्होंने कहा किसी के प्रति मन में बुरे भाव भी आना अहिंसा है। सिर्फ कर्म करने को ही अहिंसा नहीं मान सकते। उन्होंने कहा कि एक वक्त था कि जब हम गुरुकुल पद्धति में पढ़ा करते थे। अंग्रेजों ने हमारी संस्कृति को विकृत करने की कोशिश की है, लेकिन वह सफल नहीं हुए। संस्कृति हमारी जड़ों में है।

अब धीरे-धीरे वक्त बदल रहा है

डॉ. सोनू जैन ने कहा कि समय के साथ परिस्थितियों में परिवर्तन आता है। पहले राबर्ट फ्रास्ट को पढ़ाया जाता था। अब उसकी जगह तेनालीराम ने ले ली है। लेकिन दुर्भाग्य यह भी है कि पाठ्यक्रम में महावीर स्वामी के कुछ कोटेशन दिए गए हैं, लेकिन उसमें भी फोटो बुद्ध का लगाया गया है। हो सकता है कालांतर में फोटो हटा दिया गया हो, लेकिन यह विडंबना तो है।

युवाओं को सही दिशा देने की जरूरत है

उन्होंने कहा कि देश हमेशा युवाओं से ही समृद्ध हुआ है। हमारे देश में जितने भी विचारक और महापुरुष हुए हैं, सभी युवा हुए हैं। चाहे महावीर स्वामी हो या गौतम बुद्ध। इन्हीं महापुरुषों ने देश को नई दिशा दी है। हमारे यही प्रयास है कि हम युवाओं को धर्म और विज्ञान से जोड़ें, उन्हें अच्छे संस्कार दें। लव जिहाद का प्रमुख कारण यही है कि बच्चों में वह संस्कार नहंी दिए गए जो वे अपने अच्छा-बुरा सोच सकें।

हमें अतीत की ओर भी देखना है

सोनू जैन ने कहा कि हमारे विद्वानों ने ग्रंथों की रचना कर सामाजिक विद्रुपताओं को दूर करने में महत्ती भूमिका निभाई है। भारतीय दृष्टिकोण एवं दार्शनिक परंपरा बहुत प्राचीन है। भारत में सबसे पहले खगोल विज्ञान लिखा गया। पहला व्याकरण ग्रंथ पाणिनी का है। हमें अपने जड़ों की ओर देखना पड़ेगा। दर्शन और विज्ञान दोनों को समझना पड़ेगा। हम भारतीयों ने ग्रंथो को अपने कंठ में रखा है। हमारी परंपरा समाधान की ओर ले जाती है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का भविष्य बहुत उज्जवल है। हम विज्ञान और धर्म की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।

Related Articles