अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में शामिल होने के लिए उज्जैन पहुंचे कवि और गीतकार मनोज मुंतशिर आज बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने चांदी द्वार से बाबा महाकाल के दर्शन किए और इसके बाद नंदी हॉल में बैठकर बाबा महाकाल का ध्यान लगाया और नंदी जी के कानों में मनोकामना भी कही।
नंदी जी के पास बैठकर मनोज ने भगवान महाकाल का जाप किया। पूजन अभिषेक के बाद भगवान महाकाल और नंदी को जल अर्पित किया।
मनोज मुंतशिर ने कहा, ‘आज मैं जो भी हूं बस भगवान महाकाल की कृपा से हूं। 25 साल पहले महाकाल मंदिर आया था, तब मेरे संघर्ष का दौर था, फुटपाथ पर सोता था। यहां आकर भगवान से प्रार्थना की थी।
जो टीवी शो तीन – चार दिन में बंद होने वाला था, उसके बाद वो आठ साल तक चलता रहा। आज जो भी हूं महाकाल की कृपा से हूं। यह वो जगह है, जहां आपने सिर झुकाया, तो आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी।’