जहां सवारी दिखी वहीं रोक दिए मैजिक-ऑटो

पूरे शहर में कहीं भी वाहन स्टॉप नहीं लोग परेशान
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उज्जैन। शहर में लोक परिवहन के सभी वाहनों का संचालन मनमर्जी से हो रहा है। बस चालक हो या मैजिक, ऑटो के ड्रायवर जहां सवारी ने हाथ दिया वहीं अपना वाहन रोक दिया। परेशानी यह कि बीच रास्ते में एक वाहन खड़ा हो जाए तो आगे-पीछे जाम की स्थिति बन जाती है। इतने बड़े शहर में पुलिस-प्रशासन ने वाहनों के स्टॉप बनाने पर कोई विचार ही नहीं किया है।
यह हैं शहर के हालात
शहर में देवासगेट और नानाखेड़ा स्टैंड से बसों का संचालन होता है। देवासगेट से बसें चामुण्डा माता होते हुए आगर रोड़ की तरफ जाती हैं। स्टेण्ड से सवारी बैठाने के बाद यही बसें पहले देवासगेट चौराहा पर फिर चामुण्डा माता चौराहा पर रुकती हैं। सवारी बैठाई जाती हैं। यहां से चलकर चरक अस्पताल, कोयला फाटक, फायर ब्रिगेड रुकते हुए गाड़ी अड्डा चौराहे पर खड़ी होती हैं। यहां से जिन बसों को तराना, शाजापुर की ओर जाना है वह दरगाह मण्डी चौराहा टर्न पर खड़ी होती हैं। जिन्हें महिदपुर, घट्टिया, नागदा तरफ जाना है वह बसें माता मंदिर चौराहा पर खड़ी होकर सवारी बैठाई जाती हैं।
यहां से इंदिरा नगर फिर खिलचीपुर चौराहे तक यह बसें इसी प्रकार चलती हैं। हर चौराहे पर बसों का स्टाप रहता है। नानाखेड़ा स्टेण्ड से चलने वाली बसें इंदौर और देवास की ओर संचालित होती हैं। इंदौर की ओर जाने वाली बसों में नानाखेड़ा चौराहे से त्रिवेणी तक हर चौराहे पर सवारी बैठाई जाती हैं तो देवास की ओर जाने वाली बसों को नानाखेड़ा से भरतपुरी तिराहा, पाइप फैक्ट्री चौराहा होते हुए नागझिरी के आगे तक हर चौराहे पर सवारी बैठाई जाती है।
मैजिक-ऑटो के भी यही हाल
शहर में मैजिक संचालन के लिए आरटीओ द्वारा रूट निर्धारित किए गए हैं। वाहन संचालकों को रूट के मुताबिक ही अपने वाहन चलाना होते हैं, लेकिन वर्तमान में अधिकांश मैजिक संचालकों का ध्यान उज्जैन दर्शन के लिए अपने वाहन चलाने पर है। आरटीओ द्वारा निर्धारित रूट पर नाममात्र के मैजिक वाहन चल रहे हैं। इनके ड्रायवर भी सवारी के हाथ दिखाते ही बीच रोड पर अपने वाहन खड़े कर लेते हैं। रही बात ऑटो की तो पूरे शहर में मनमर्जी से वाहनों का संचालन, मनमाना किराया वसूलना और ट्राफिक के नियम न मानना इनकी खासियत बन चुका है। ऐसा नहीं कि शहर में ऑटो संचालन के कोई नियम नहीं हैं। आरटीओ द्वारा इनके भी क्षेत्र व स्टेण्ड निर्धारित किए गए हैं, लेकिन नियमों का पालन हो रहा है या नहीं इसकी मॉनीटरिंग न तो आरटीओ और न ही यातायात पुलिस करती है।
खत्म हो गया ई रिक्शा में लाल-पीली पट्टी का नियम
शहर में ई रिक्शा संचालन के लिए आरटीओ द्वारा वाहनों का पंजीयन कर कोड नंबर दिए गए साथ ही उक्त वाहनों में लाल-पीली रेडियम पट्टी लगाकर उनका समय भी निर्धारित किया गया। विरोध, प्रदर्शन के बाद इस पर प्रशासन व ई रिक्शा संचालन की सहमति भी बनी। कुछ दिनों तक नियमानुसार वाहनों का संचालन भी हुआ, लेकिन वर्तमान में यह नियम भी खत्म हो चुका है। पुलिस या आरटीओ द्वारा अब इन वाहनों की चैकिंग भी बंद कर दी गई है।
इंदौर में बने नियम उज्जैन पिछड़ गया
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बस ऑपरेटर्स की मीटिंग लेकर निर्देश दिए हैं कि स्टैंड से ही सवारी बैठाएं, बसों को बीच सडक़ पर सवारी न बैठाएं। बसें स्टॉप पर रोकें। उन्होंने इसकी निगरानी के लिए एसडीएम, आरटीओ व यातायात पुलिस को भी निर्देशित किया, लेकिन उज्जैन के अफसरों का लोगों की समस्या पर अब तक ध्यान ही नहीं गया है।
यह है लोगों की परेशानी
बस स्टैंड से निकलने के बाद बस स्टॉप नहीं होने के कारण प्रत्येक रूट की बसें बीच सडक़ पर जगह-जगह रुक रुककर चलती हैं। बस संचालक को सवारी से मतलब होता है, जहां सवारी ने हाथ दिया वहीं बस रुक जाती है। ड्रायवर को इससे कोई सरोकार नहीं होता कि बीच सडक़ पर बस रुकने से यातायात बाधित होगा। मैजिक वाहन के भी स्टापेज निर्धारित नहीं हैं।
इनका संचालन भी मनमर्जी से हो रहा है। खासबात यह कि परमिट के नियम तोडक़र उक्त वाहन संचालित होने के कारण शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो रही है। अधिकांश मैजिक वाहन उज्जैन दर्शन की सवारी तलाशते हैं। इसका खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड़ता है जो निर्धारित रूट पर मैजिक वाहनों से आवागमन करते हैं। ऑटो-ई रिक्शा वाहन के अधिकांश ड्रायवर आरटीओ व यातायात के नियमों का कोई पालन नहीं करते। ऑटो के शहर में कुछ जगह स्टेण्ड हैं। वहां ऑटो खड़े भी होते हैं लेकिन संचालन ड्रायवर के नियम से होता है। ई रिक्शा वाहन चालक अपने वाहनों में ओवरलोड सवारी बैठा रहे हैं। लाल-पीले पट्टे के नियमों का पालन नहीं कर रहे। पूरे शहर की यातायात व्यवस्था ऐसे वाहन चालकों के कारण ध्वस्त हो चुकी है।
यातायात पुलिस द्वारा समय-समय पर वाहनों की चैकिंग की जाती है। वाहनों के स्टापेज का निर्धारण आरटीओ द्वारा किया जाता है। परमिट भी उन्हीं के द्वारा जारी होते हैं। पुलिस नियमों का पालन कराती है।-दिलीप सिंह परिहार, डीएसपी यातायात