महादेव को बेहद पसंद हैं ये फूल

By AV News 1

भगवान शिव हिंदू धर्म में पूजनीय देवता हैं। किसी भी भक्त के लिए भगवान शिव को प्रसन्‍न करना बहुत आसान है। भक्‍त उन्‍हें खुश करने के लिए कई चीजें अर्पित करते हैं। इनमें से एक हैं फूल। वैसे तो फूल सभी देवी देवताओं को अर्पित किए जाते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ पर फूल चढ़ाने का बहुत महत्‍व है।

महादेव को फूल बेहद पसंद हैं। कहते हैं फूल चढ़ाने से भगवान प्रसन्‍न होते हैं, अपनी पूजा की थाली में भगवान शिव के प्रिय फूलों को भी जरूर रखें। ऐसा करने से महादेव की कृपा आप पर जरूर बरसेगी। आइए, जानते हैं भगवान शिव के प्रिय फूल कौन-से हैं।

​धतूरे का फूल​

धतूरे के फूल के बारे में माना जाता है कि धतूरे के फूल की उत्पत्ति समुद्र मंथन के बाद हुई थी। जब समुद्र से निकले विष का प्रभाव पूरे संसार पर पड़ने लगा था, तो भगवान शिव ने संसार की रक्षा करने के लिए विषपान किया था, जिससे बाद भगवान शिव की छाती से धतूरे के फूल की उत्पत्ति हुई थी। इसके बाद इस फूल से छोटे-छोटे बीज निकलकर इधर-उधर फैल गए, जिसके बाद धतूरे का पौधा उत्पन्न हुआ।

​पारिजात के फूल​

पौराणिक कहानी के अनुसार पारिजात के फूलों को भगवान कृष्ण स्वर्ग से धरती पर लाए थे। इस फूल की सबसे खास बात यह है कि यह हर मौसम में नहीं खिलते हैं। अगर आपको शिवरात्रि पर पारिजात के फूल आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं, तो पारिजात के फूल भगवान शिव को जरूर चढ़ाएं।

कनेर का फूल

केवल भगवान शिव को ही नहीं चढ़ाया जाता बल्कि कई देवी-देवताओं के पूजन में कनेर का फूल का प्रयोग किया जाता है। कनेर का फूल पीला, लाल और सफेद रंग का होता है। आप भगवान शिव को किसी भी रंग का फूल अर्पित कर सकते हैं। खासतौर पर पीला और सफेद कनेर भगवान शिव को बहुत पसंद होता है।

​शमी का फूल​

शिवरात्रि पर भगवान शिव को शमी के फूल भी जरूर चढ़ाए जाते हैं। इन्हें चढ़ाने से आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। शमी के फूल गुलाबी और पीले दोनों रंग के होते हैं। आप किसी भी रंग के फूल भगवान शिव को चढ़ा सकते हैं। इसके अलावा शिवरात्रि की शाम शमी के पौधे के पास दीया भी जरूर जलाएं।

​मदार का फूल​

मदार का फूल भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है। शिवरात्रि पर भगवान शिव को मदार का फूल जरूर चढ़ाएं। माना जाता है कि महादेव को मदार का फूल चढ़ाने से जीवन-मृत्यु के चक्र से निकलकर मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मदार के फूल को अलग-अलग जगहों पर अलग नामों से जोड़ा जाता है। मदार के फूल को आंकड़ा, अकौआ भी कहा जाता है।

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