महाकाल मंदिर में बदलाव की तैयारियां, अधिकारियों के चार दलों ने दिए सुझाव

व्यवस्था में सुधार के कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:धुलेंडी पर्व पर महाकाल मंदिर के गर्भगृह में हुए हादसे के बाद मंदिर में बदलाव की तैयारियां की जा रही है। आने वाले दिनों में व्यवस्था में सुधार के लिए कई बड़े फैसले लिए जा सकते है। मंदिर के तमाम इंतजाम को परखने के बाद सुधार करने के लिए नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) की टीम को बुलवाया जा रहा है।

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में लगी आग ने मंदिर की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए थे। घटना के बाद उज्जैन कलेक्टर ने फायर सेफ्टी के साथ अन्य विभागों के ऑफिसर्स और विशेषज्ञों को न केवल उज्जैन बुलाया,बल्कि उज्जैन से अधिकारियों की अलग-अलग टीम को देश के चार बड़े मंदिर की व्यवस्था देखने के लिए भेजा था। टीम ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। चारों टीम ने महाकाल मंदिर के लिए कई सुझाव दिए है। इसके आधार पर महाकाल मंदिर में अनेक बदलाव देखने को मिल सकते है। इसे लेकर तैयारियां की जा रही है।

नेशनल बिल्डिंग कोड की टीम आएगी

महाकाल मंदिर में जल्द ही नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) टीम आने वाली है। टीम मंदिर और पूरे परिसर के निर्माण,सुरक्षा,संचालन और अन्य बिन्दुओं को देखने के लिए पहुंचेगी। टीम कोड के अनुसार जो भी अनुशंसा करेगी उस अनुसार व्यवस्था बदलाव किए जाएंगे। महाकाल मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए महाकाल मंदिर इमारत की जांच और मंदिर के किस क्षेत्र में कितने श्रद्धालु एक बार में रुक सकते है। यह जांचने के लिए जल्द ही हृक्चष्ट नेशनल बिल्डिंग कोड की टीम महाकाल मंदिर पहुचेंगी। टीम मंदिर के गर्भगृह, नंदी हाल, कार्तिकेय मंडपम, गणेश मंडपम, सभा मंडपम, टनल, एंट्री और एग्जिट द्वार पर जाकर देखेगी। टीम बाद में महाकाल लोक को भी देखने आएगी।

फूल टाइम फायर सेफ्टी अधिकारी नियुक्त किया जाएगा

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीणा ने बताया कि मंदिर की व्यवस्था में जल्द की बदलाव किए जाएंगे। जल्द ही मंदिर में एक फूल टाइम फायर सेफ्टी अधिकारी नियुक्त होगा। इसके साथ ही अन्य मंदिरो की तरह गर्भगृह में लिमिटेड एंट्री का सुझाव आया है, जिसे जल्द लागू किया जाएगा। एक भी इलेक्ट्रॉनिक कैमरे मोबाइल बेग मंदिर में प्रवेश नही कर पाए। इसके लिए बड़े रेक तैयार किये जाएंगे। इस तरह के सामान को रखने के लिए ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन सिस्टम को भी शुरू किया जाएगा। देश के प्रमुख मंदिरो की तरह सुरक्षा के लिए थ्री लेवल की चेकिंग में पुलिस और मंदिर की सुरक्षा बढ़ाई जायेगी।

नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) भी क्या है

नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) आवासीय से लेकर वाणिज्यिक तक भवन संरचनाओं के निर्माण,सुरक्षा,संचालन,साफ-सफाई और अन्य व्यवस्था सुनिश्चित करता है। एनबीसी वह दस्तावेज है, जो रिहायशी, व्यापारिक, संस्थागत, शैक्षिक, वाणिज्यिक, असेंबली, स्टोरेज स्पेस या खतरनाक इमारतों के निर्माण के ढांचे तय करने के लिए गाइडलाइंस मुहैया कराता है। इन गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी है क्योंकि यह कंस्ट्रक्शन की रक्षा और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। एनबीसी की गाइडलाइंस के मानक सबसे पहली बार 1970 में प्रकाशित हुए, उसके बाद इनमें 1983 में संशोधन किया गया, फिर 2005 में भी संशोधन हुआ। एनबीसी की टीम द्वारा कोड की गाइडलाइंस के पालन की अनुशंसा करती है।

मंदिर में पंडे-पुजारियों की संख्या अधिक

प्रशासक मीणा ने बताया कि टीम ने ये माना की अन्य मंदिरो में भी पण्डे पुजारियों की संख्या अधिक है। लेकिन वहां एक साथ पुजारी गर्भगृह में प्रवेश नहीं करते है। सभी के कार्य विभाजित कर रखे है इसलिए अब जल्द ही महाकाल मंदिर में भी पुजारियों के कार्य विभाजन की व्यवस्था देखने को मिल सकती है।

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