महाराजवाड़ा स्कूल बन गया राजाओं का महल

By AV NEWS 1

शासन ने 17 करोड़ रुपए लगाकर तैयार कराया, महाराजा और महारानी रूम भी मिलेंगे किराए पर

जिन कक्षाओं में विद्यार्थी पढ़े वह बन गए रूम्स

कैलाश शर्मा|उज्जैन। महाकाल लोक बनने के बाद से शहर में देश-विदेश से आने वाले लोगों की संख्या में दो गुना से अधिक वृद्धि हो चुकी है। पर्व और त्यौहारों के दौरान यह संख्या 4 से 5 गुना तक बढ़ जाती है। शहर में आमजन के ठहरने, खाने-पीने के लिए अनेक होटल, रेस्टोरेंट हैं लेकिन मध्यप्रदेश शासन द्वारा पुराने महाराजवाड़ा स्कूल भवन का रिनोवेशन कराने के बाद होटल तैयार कराया जा रहा है। इसे बाहर से देखने पर ही महल का लुक नजर आ रहा है और अंदर जाने पर महल का अनुभव हो रहा है। जनवरी के पहले सप्ताह तक यह पूरी तरह बनकर तैयार होने की संभावना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसका शुभारंभ करेंगे।

ऐसा है महाराजवाड़ा का फ्रंट

महल जैसा दिखने वाले महाराजवाड़ा भवन के फ्रंट को वेस्टेज मटेरियल का उपयोग कर साधु, संतों की मूर्ति का रूप दिया गया है। गार्डन और पेड़ पौधों के बीच से गुजरते हुए लोग बड़े गेट से इसमें प्रवेश करेंगे। बीच मैदान में आकर्षक फव्वारा लगा है। चारों ओर गलियारे में कीमती झूमर, लाइट डेकोरेशन के साथ ही स्विच भी ओल्ड मॉडल के लगाए गए हैं। पूरे महल में आर्ट वर्क और पुराने जमाने के महलों को ध्यान में रखकर योजना को क्रियान्वित किया गया है। मेन गेट से अंदर प्रवेश करते ही आमजन को महल का अहसास होगा।

रूफ टॉप रेस्टोरेंट, किचन

महाराजवाड़ा भवन दो मंजिला है। दूसरी मंजिल पर जाने के लिए चढ़ाव हैं। अब यहां लिफ्ट भी लगा दी गई है। छत पर ओपन किचन, पीछे ग्राउंड में रेस्टोरेंट रहेगा। पिछले हिस्से में गार्डन, योग, ध्यान के लिए ओपन एरिया और साइड में बने गार्डन से भगवान महाकालेश्वर मंदिर को लोग आसानी से निहार पाएंगे।

एमपी टूरिज्म ने अपने हाथ में लिया था काम
महाराज वाड़ा भवन के रिनोवेशन और भव्य निर्माण की जिम्मेदारी पहले शासन द्वारा स्मार्ट सिटी को दी गई थी लेकिन अफसरों द्वारा काम में लेटलतीफी और उदासीनता बरतने के चलते शासन ने यह काम एमपी टूरिज्म को दिया। अब अफसरों द्वारा तेजगति से काम को अंजाम दिया जा रहा है। अफसर बताते हैं कि काम की समय सीमा 31 दिसंबर 2024 है। हमारा प्रयास है कि जनवरी के पहले सप्ताह तक काम पूर्ण कर दें।

19 कमरों को तीन कैटेगिरी में बांटा

महाराजवाड़ा भवन में कुल 19 रूम तैयार किए गए हैं। जिनको तीन केटेगिरी में बांटा गया है। छोटे बेडरूम लेटबॉथ अटैच, बड़े बेडरूम सीटिंग एरिया के साथ लेटबॉथ अटैच और वीवीआईपी के दो रूम तैयार किए गए हैं जिन्हें महाराजा और महारानी रूम कहा जाएगा। यह दोनों रूम राजाओं के महलों की तरह बनाए गए हैं। इसकी खासियत यह कि रूम में ठहरने वाले झारोखों से सीधे भगवान महाकाल के शिखर का दर्शन कर सकते हैं।

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