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नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की बड़ी खामी उजागर

मामला मास्टर प्लान-2035 में सिंहस्थ क्षेत्र का, आपत्ति/सुझाव की प्रक्रिया

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन मास्टर प्लान-2035 में सिंहस्थ क्षेत्र के लिए प्रस्तावित संशोधन की दावे-आपत्ति पर सुनवाई को लेकर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की बड़ी खामी उजागर हुई है। सुनवाई भोपाल में होगी। इस संबंध में एक आपत्तिकर्ता को पक्ष रखने के दो अलग-अलग दिन का सूचना पत्र जारी कर दिया गया है। इसके बाद नगर एवं ग्राम निवेश विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है।

 

मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम ,१९७३ की धारा २३-क (१)(क) के अधीन उज्जैन विकास योजना 2035 में (संदर्भ सिंहस्थ २०१६ के लिए अधिसूचित सिंहस्थ क्षेेत्र अन्तर्गत सेटेलाइट टाउन हेतु आरक्षित १४८.६७९ हेक्टयर भूमि ग्राम सांवराखेड़ी एवं कस्बा उज्जैन) संशोधन के लिए प्रस्ताव रख आपत्ति/सुझाव आमंत्रित किए गए थे। भोपाल में होने वाली सुनवाई के लिए आपत्तिकर्ताओं को दस्तावेजों के साथ पक्ष रखने के लिए पत्र द्वारा सूचना भेजी गई है। इसमें नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की खामी उजागर हुई है। दरअसल उक्त प्रस्तावित विषय पर आपत्ति/सुझाव के लिए उज्जैन के एक आपतिकर्ता को दो पत्र जारी किए गए है। उसमें एक में २१ जून और दूसरे में 24 जून को सुनावई के लिए भोपाल आने को कहा गया है।

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एक अधिकारी के हस्ताक्षर से दोनों पत्र जारी

उक्त मामले में आपत्ति लेने के साथ सुझाव देने वाले अभिभाषक द्वारकाधीश चौधरी ने बताया कि उज्जैन विकास योजना 2035 में प्रस्तावित मास्टर प्लान के लिए आपत्ति /सुझाव के लिए संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश मध्य प्रदेश भोपाल लापरवाही बरत रहा है। संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश मध्य प्रदेश के संयुक्त संचालक विष्णु खरे के हस्ताक्षर से मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम १९७३ की धारा २३-क (१)(क) के अधीन उज्जैन विकास योजना 2035 में प्रस्तावित ऊपांतरण हेतु प्रारंभिक सूचना पर आपत्ति/ सुझाव के लिए दिनांक 7 जून 2024 को पत्र क्रमांक 2505/टीसी/नगर ग्राम निवेश/उज्जैन/38/2024 भोपाल से जारी किया गया है।

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जो रजिस्टर्ड एडी द्वारा प्राप्त हुआ है। इसमें 21 जून 2024 को 3.00 बजे संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश पर्यावरण परिसर ई/5 अरेरा कॉलोनी भोपाल में सुनवाई उपस्थित होने को कहा गया है। इसी प्रकार दूसरा पत्र उज्जैन स्थित कार्यालय से प्राप्त हुआ है। इसका जावक क्रमांक 2507 दिनांक 7 जून 2024 है और विष्णु खरे के ही पत्र पर हस्ताक्षर हैं।

यानी आपत्ती सुझाव करने वाले द्वारकाधीश चौधरी को अलग-अलग तिथि का पत्र सुनवाई के लिए प्राप्त हुआ है। इसमें 24 जून 2024 को 3.00 बजे संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश पर्यावरण परिसर ई/5 अरेरा कॉलोनी भोपाल में सुनवाई उपस्थित होने को कहा गया है। इसमें यह भी उल्लेख है कि निर्धारित दिनांक एवं समय पर समस्त दस्तावेज के साथ उपस्थित रहे अनुपस्थिति में आपत्ति/ सुझाव पर एक एकपक्षीय निर्णय लिया जा सकेगा।

विभाग की मंशा पर सवाल

अभिभाषक चौधरी का कहना है विभाग द्वारा एक ही आपत्तिकर्ता को पक्ष रखने के लिए अलग-अलग दिन आने का पत्र जारी किए जाने के बाद नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की मामले में सुनवाई पर मंशा को लेकर सवाल होने लगे है। सबसे बड़ी बात तो यह कि गंभीर विषय के संबंध में संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश मध्य प्रदेश भोपाल और नगर तथा ग्राम निवेश स्थानीय कार्यालय के बीच समन्वय नहीं है।

दूसरा आखिर सुनवाई भोपाल में क्यो हो रही है। आपत्तिकर्ता ने यदि पूर्व में लिखित में आपत्ति/सुझाव दिए है,तो उसे दस्तावेजों के साथ पक्ष रखने के लिए अपने खर्च पर भोपाल जाना होगा। ऐसे सक्षम व्यक्ति तो भोपाल पहुंचकर पक्ष रख सकता,लेकिन सामान्य व्यक्ति का अपने खर्च भोपाल पहुंचना मुश्किल होने पर एकपक्षीय निर्णय लिया जा सकेगा।

संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश द्वार सुनवाई की तारीख को किन्ही कारणों से निरस्त कर दिया गया है। अगली दिनांक बाद में घोषित की जाएगी।
-विष्णु खरे,संयुक्त संचालक नगर
तथा ग्राम निवेश उज्जैन।

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