मंगलनाथ मंदिर अब 25 करोड़ रुपयों से संवरेगा

By AV NEWS

नए सिरे से मंदिर सौंदर्यीकरण की योजना तैयार,

नागरशैली में स्टोन क्लैडिंग से सुंदर होगा शिखर

सुधीर नागर | उज्जैन। उज्जैन का प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर अब 25 करोड़ रुपयों से संवरेगा। सिंहस्थ 2028 में मंदिर और अधिक नए स्वरूप में दिखाई देगा। प्रशासन ने नए सिरे से मंदिर सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की है। जल्द ही इसको फाइनल कर काम शुरू किया जाएगा। मंदिर के शिखर को नागरशैली में बनाने की योजना है। मंदिर के सामने पार्किंग भी विकसित की जाएगी।

शिप्रा नदी के तट स्थित प्राचीन मंगलनाथ मंदिर देश भर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। सिंहस्थ में दर्शनार्थियों की संख्या ज्यादा हो सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर मंदिर सौंदर्यीकरण की योजना नए सिरे से तैयार की गई है। करीब 25 करोड़ रुपए का नया रिवाइज एस्टीमेट तैयार किया गया है, जिसे जल्द ही फाइनल कर प्रशासन को सौंपा जाएगा। पहले यह करीब 20 करोड़ रुपए का था। उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) इसकी योजना तैयार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार रिवाइज एस्टीमेट की फाइनल करने का काम बाकी है। एक दो दिन में यह पूरा हो जाएगा। मंदिर परिसर में कई निर्माण कार्य भी प्रस्तावित हैं। दो तीन चरणों में यह प्रोजेक्ट पूरा होने की संभावना है।

एक साल से अधूरा शिखर, अब होगा सुंदर

मंदिर का शिखर पिछले एक साल से अधूरा है। फंड न मिल पाने के कारण इसका काम रुका हुआ है। यूडीए ने इसके लिए 8 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा था। बाद में प्रशासन ने अन्य कामों को जोड़कर नया एस्टीमेट तैयार कर शासन को भेजने का निर्णय लिया। इस कारण शिखर के काम को अभी रोका गया है।

योजना के अनुसार शिखर को नागरशैली में बनाया जाएगा। स्टोन क्लेडिंग से इसे सुंदर रूप दिया जाएगा। शिखर पर भगवान शिव के प्रतीक चिह्न भी दिखाई देंगे। आकर्षक लाइटिंग का भी प्रस्ताव है। मंदिर में आने वाली भीड़ को देखते हुए सामने पार्किंग का विस्तार करने की योजना है। मंदिर परिसर में क्यू एरिया में शेड लगाए जाएंगे ताकि गर्मी और बारिश के मौसम में दर्शनार्थियों को परेशानी न हो। वेटिंग हॉल सहित करीब एक दर्जन अन्य कार्य भी प्रस्तावित हैं। प्रस्तावित एस्टीमेट का एक बार अध्ययन कर अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रस्तावित कार्यों की फिजीबिलिटी भी चैक की जाएगी।

मंदिर की विशेषताएं

मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान माना जाता है मंदिर।

मंगल ग्रह से होने वाली पीड़ा के निवारण के लिए भातपूजा की जाती है।

प्रति मंगलवार भात पूजन के लिए श्रद्धालु आते हैं।

मुख्य मंदिर के पास पृथ्वी माता का भी मंदिर भुवनेश्वरी के नाम से है।

भात पूजन किए मंदिर में रसीद कटाई जाती है।]

इसी साल अप्रैल से अगस्त 2024 में भातपूजन आदि से 1.66 करोड़ की आय।

मंदिर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा

सिंहस्थ से पहले मंगलनाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम होगा। अभी इसके लिए नए सिरे से योजना तैयार हो रही है।- नीरजकुमार सिंह, कलेक्टर

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