नृसिंह चतुर्दशी…तिथि मतांतर से दो दिन मनेगा भगवान नृसिंह का प्राकट्योत्सव

उज्जैन। तिथि मतांतर से शहर में दो दिन भगवान नृसिंह चतुर्दशी मनाई जाएगी। छोटा सराफा और नृसिंह घाट स्थित श्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर में ११ मई और भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में १२ मई को प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। छोटा सराफा स्थित मंदिर से शाम को भगवान नृसिंह भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

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नृसिंह चतुर्दशी जिसे नृसिंह जयंती के नाम से भी जाना जाता है, हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नृसिंह के प्रकटोत्सव का दिन है। इस बार शैव और वैष्णव मत की मान्यता चलते तिथि मतांतर से दो दिन नृसिंह प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। रविवार को छोटा सराफा और नृसिंह घाट स्थित लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर में उत्सव मनाया जाएगा, जबकि इस्कॉन मंदिर में वैष्णव मत की मान्यता के अनुसार १२ मई को सूर्याेदय के समय चतुर्दशी तिथि होने से नृसिंह जयंती मनाई जाएगी।

किस मंदिर में क्या कार्यक्रम

श्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर, छोटा सराफा: रविवार सुबह भगवान का अभिषेक पूजन कर विशेष शृंगार किया जाएगा। मध्याह्न काल में दोपहर १२ बजे महाआरती की जाएगी। शाम ६.४५ बजे गोधूलि बेला में भगवान नृसिंह की शोभायात्रा निकाली जाएगी। समापन पर महाआरती के बाद प्रसाद वितरण होगा।

श्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर, नृसिंह घाट : पुण्य सलीला शिप्रा के किनारे स्थित मंदिर में ११ मई को सुबह भगवान का अभिषेक एवं पूजन किया जाएगा। इसके बाद भगवान का चंदन शृंगार किया जाएगा। शाम को गोधूलि बेला में पंच मेवे का भोग लगाकर महाआरती की जाएगी।

इस्कॉन मंदिर, भरतपुरी: १२ मर्ई को शाम ५.३० बजे भगवान नृसिंह का पंचामृत, फलों के रस एवं तीर्थों के जल से महाअभिषेक किया जाएगा। शाम ७ बजे महाआरती के बाद महाप्रसादी का आयोजन किया जाएगा। प्राकट्योत्सव के लिए मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया जाएगा।

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