खिलचीपुर पुलिया से आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज तक न स्पीड ब्रेकर न स्ट्रीट लाइट, शाम होते ही अंधेरा

उज्जैन-झालावाड़ फोरलेन में अनदेखी: यहां सुविधाओं की सबसे ज्यादा जरूरत, क्योंकि कई आबादी क्षेत्र, पॉश कॉलोनियां और स्कूल-कॉलेज

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एक साल में ५ लोगों ने गंवा दी जान, सभी हादसे अंधेरे के कारण हुए

मुकेश मालावत उज्जैन। एक समय था जब उज्जैन-झालावाड़ टू-लेन सडक़ हादसों और गड्ढों के लिए जानी जाती थी। बारिश में सडक़ बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो जाती थी। रोजाना छोटे-मोटे हादसे होना, बार-बार जाम लगना आम बात थी। इस सडक़ को फोरलेन बनाने के लिए उज्जैन से लगाकर झालावाड़ तक चक्काजाम-प्रदर्शन होता था। अंतत: फोरलेन के लिए स्वीकृति मिली और नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के अधीन यह बनकर तैयार हो गया, लेकिन खिलचीपुर पुलिया से आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज तक रोड निर्माण के दौरान अनदेखी की गई, जिससे लोगों में आक्रोश है।

यहां सर्विस रोड, डिवाइडर, स्ट्रीट लाइट ही नहीं है। शाम होते ही यहां अंधेरा पसर जाता है। फोरलेन का काम शुरू होते ही लोगों में खुशी थी कि अब आवागमन सुचारू होगा, लेकिन समस्या जस की तस है। सर्विस रोड न होने से लगता ही नहीं कि यह फारेलेन है। डिवाइडर नहीं बनने से तेज रफ्तार से वाहन निकल रहे हैं। स्ट्रीट लाइट नहीं होने से गंभीर हादसे हो रहे हैं। एक साल के अंदर ही भारी वाहनों की चपेट में आने से ५ लोगों की मौत हो गई। ये हादसे अंधेरे के कारण ही हुए हैं।

नियमों के अनुसार नहीं बना फोरलेन
यह फोरलेन नियमों के अनुसार नहीं बना है। रोड निर्माण के दौरान भी आपत्ति ली थी। ग्रामीणों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए दो बार एसडीएम को अवगत करा चुका हूं। जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की है।
महेश कछावा, जनपद सदस्य प्रतिनिधि

आबादी क्षेत्र में ही सर्विस रोड नहीं
आबादी क्षेत्र में सर्विस रोड नहीं दिए गए हैं। आए दिन एक्सीडेंट हो रहे हैं जो सबके लिए घातक है। दोनों रोड के बीच क्रॉसिंग के लिए डिवाइडर के बीच उचित दूरी नहीं रखी गई है। डामरीकरण रोड क्रॉसिंग के लिए सबवे-ओवरब्रिज नहीं बनाए गए हैं जिससे वाहनों की गति से सडक़ दुघर्टनाएं बढ़ेगी।
डॉ. बीएल प्रजापति, विक्रमादित्य नगर चक

स्ट्रीट लाइट की सख्त जरूरत
गाइड लाइन के अनुसार यह रोड नहीं बना है। यहां सबसे ज्यादा जरूरत स्ट्रीट लाइट की है, ताकि अंधेरे मे होने वाले हादसों में लगाम लग सके। अंधेरे के कारण ही गांव चक और एकता नगर के एक युवक की मौत एक्सीडेंट में हुई है। उम्मीद है अधिकारी जल्द हमारी समस्या पर ध्यान देंगे।
-संजय गौड़, ग्राम चक

मेडिकल कॉलेज के पास स्पीड ब्रेकर जरूरी
आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज, एलाउंस सिटी, ग्रीन सिटी जैसी पॉश कॉलोनियां होते हुए ही भी मुख्य सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं दिया गया। स्पीड ब्रेकर, स्ट्रीट लाइट नहीं होने से अंधेरे में रोड पार करने में हमेशा डर बना रहता है। विशेषकर मेडिकल कॉलेज के पास स्पीड ब्रेकर की सख्त जरूरत है।
कमल शर्मा, एलाउंस सिटी

क्यों जरूरी हैं यहां सुविधाएं
आरडी गारर्डी मेडिकल कॉलेज के आसपास कई पॉश कॉलोनियां है। कई निजी कॉलेज और स्कूल, मॉल बन गए है। गांव चक, एकता नगर, अहमद नगर, खिलचीपुर पुलिया के आसपास आबादी क्षेत्र है। सुबह से देर रात तक वाहनों का आवागमन होता रहता हैं। अंधेरा होने के कारण यहां के निवासियों, डॉक्टरों, विद्यार्थियों को खिलचीपुर पुलिया से मेडिकल कॉलेज तक जाने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

नई डीपीआर में प्रोविजन कर रहे हैं
इस संबंध में एनएचएआई के प्रोजेक्ट इंचार्ज एमएल पुरबिया ने बताया कि पहले की डीपीआर में जो भी प्रोविजन थे, उस मुताबिक रोड तैयार किया है। अब जहां सर्विस रोड, स्ट्रीट लाइट , सबवे की आवश्यकता लग रही है, नई डीपीआर में इसका प्रोविजन कर रहे हैं। इस मुताबिक सारी व्यवस्थाएं जुटाई जाएंगी। रोड बनने के बाद भी मेटेनेंस के तहत यह काम किया जा सकता है।

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