इंदौर पहुंचे वंदे भारत ट्रेन के नए रैक, 1 हजार से ज्यादा यात्री कर सकेंगे सफर

अक्षरविश्व न्यूज इंदौर। दो साल पहले इंदौर को मिली पहली वंदे भारत ट्रेन के कोच अब रेलवे बढ़ा रहा है। इससे यात्री क्षमता दोगुनी हो जाएगी। 24 नंवबर से चलने वाली ट्रेन के लिए नए रैक आ चुके हैं। अभी इंदौर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन आठ कोचों के साथ चलती है। इसमें 530 सीटें थीं। 16 कोच के बाद एक हजार से ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे। रेलवे ने नए रैक वंदे भारत के लिए भेज दिए हंै। इससे इंदौर से भोपाल जाने वाले यात्रियों को भी फायदा होगा,क्योकि यह ट्रेन भोपाल में भी रुकती है। भोपाल से भी नागपुर जाने के लिए यात्रियों को सुविधा होगी।
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वंदे भारत ट्रेन में बीते चार माह से सीटें फुल जा रही थीं। इस कारण रेलवे ने वंदे भारत के कोच बढ़ा दिए हंै। इंदौर से नागपुर तक ट्रेन चलाने की मांग हमेशा से उठती रहती है। दो साल पहले इंदौर से भोपाल के बीच वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू किया था। यह ट्रेन सुबह सवा 6 बजे जाती है। इंदौर से भोपाल तक के लिए इस ट्रेन को कम यात्री मिलते थे। बाद में वंदेभारत ट्रेन का विस्तार इंदौर से नागपुर तक किया गया। इसके बाद ट्रेन को अच्छे यात्री मिलने लगे। त्यौहार के समय इस ट्रेन में सीट नहीं मिलती है।
पहले दिल्ली भेजे थे रैक
वंदे भारत के लिए सितंबर माह में रैक आए थे, लेकिन उसका उपयोग रेलवे ने दिल्ली पटना ट्रेन के लिए कर दिया था। अब वे रैक वापस इंदौर भेजे हैं। दो दिन पहले रैक इंदौर लाए गए। अब 24 नवंबर से 16 कोच के साथ ट्रेन इंदौर से नागपुर के लिए रवाना होगी। उधर इंदौर नगर निगम ने भी इंदौर से नागपुर के लिए बस सेवा शुरू की है। पिछले दिनों हरी झंडी देकर मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने बस को रवाना किया था।
यात्री घटने के कारण अब नहीं चलेगी हेरिटेज ट्रेन…
इंदौर के समीप पातालपानी से कालाकुंड के बीच चलने वाली हेरिटेज ट्रेन का संचालन अब बंद हो गया। रेलवे द्वारा इस ट्रेन को अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक बंद करने की घोषणा की गई है। इसके कारण इस ट्रेन में घूमने की योजना बना रहे लोगों को निराशा का सामना करना पड़ेगा।
मध्यप्रदेश की एतिहासिक धरोहरों में शुमार हेरिटेज ट्रेन इंदौर के पास मालवा की पहाडिय़ों में स्थित पातालपानी से शुरू होकर सुरंगों, झरनों, घाटों और हरियाली से लबालब रास्तों को पार करते हुए कालाकुंड तक जाती है। रेलवे ने 26 जुलाई से ही इस ट्रेन का संचालन शुरू किया था। इस ट्रेन का संचालन सप्ताह में 3 दिन शुक्रवार, शनिवार और रविवार को किया जा रहा था।









