अब मोस्ट वीआईपी को मिलेगी नंदी हॉल में एंट्री

महाकाल मंदिर में नई व्यवस्था…
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उज्जैन। ग्रीष्म अवकाश और शनिवार-रविवार की छुट्टियों के चलते महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। इसे देखते हुए मंदिर प्रशासन ने रविवार को नंदी हॉल में आम भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया। अब सिर्फ मोस्ट वीआईपी को ही नंदी हॉल में दर्शन की अनुमति दी जा रही है, जबकि सामान्य श्रद्धालुओं को गणेश मंडपम के सामने से दर्शन कराए जा रहे हैं।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन ने चलायमान (मूविंग दर्शन) व्यवस्था लागू की है। अब भक्त महाकाल लोक, मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर से होकर महाकाल टनल-1 से गुजरते हुए गणेश मंडपम तक पहुंचते हैं। यहां लगाए गए बेरिकेड्स के जरिए भगवान महाकाल के दर्शन कर, फिर पालकी हॉल होते हुए एम्बुलेंस गेट से बाहर निकल
जाते हैं। गेट नंबर 1 से प्रवेश करने वाले श्रद्धालु कार्तिकेय मंडपम के रास्ते गणेश मंडपम पहुंचते हैं और बेरिकेड्स से दर्शन करते हैं। गेट नंबर 4 से आने वाले श्रद्धालु विश्राम धाम से होते हुए सभा मंडप और फिर गणेश मंडपम पहुंचकर दर्शन करते हैं। इसके बाद पालकी हॉल से होते हुए बाहर निकल जाते हैं। नंदी हॉल में दर्शन व्यवस्था फिलहाल बंद कर दी गई है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि शनिवार-रविवार को शासकीय अवकाश के कारण देशभर से हजारों श्रद्धालु उज्जैन पहुंच रहे हैं। वहीं मंदिर परिसर में चल रहे निर्माण कार्य के कारण भी जगह की सीमित उपलब्धता है।
इस प्रकार है दर्शन व्यवस्था
1. प्रोटोकॉल व्यवस्था (मोस्ट वीआईपी): मोस्ट वीआईपी श्रद्धालु शंख द्वार से प्रवेश करते हैं और शिखर दर्शन की छत, कुंड होते हुए गणेश मंडपम की पहली पंक्ति से दर्शन करते हैं। दर्शन के बाद वही रास्ता वापसी में भी रहता है। इन्हें ही नंदी हॉल में प्रवेश की अनुमति है।
2. सामान्य दर्शनार्थी ये श्रद्धालु श्री महाकाल महालोक या मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर से महाकाल टनल-1 से होकर गणेश मंडपम पहुंचते हैं। वहां से बेरिकेड्स के रास्ते भगवान महाकाल के दर्शन कर पालकी हॉल होते हुए एम्बुलेंस गेट से बाहर निकलते हैं।
शीघ्र दर्शन टिकटधारी (250 रुपए टिकट)
गेट नंबर 1 से प्रवेश करने वाले श्रद्धालु कार्तिकेय मंडपम के रास्ते गणेश मंडपम पहुंचते हैं और बेरिकेड्स से दर्शन करते हैं। गेट नंबर 4 से आने वाले श्रद्धालु विश्राम धाम से होते हुए सभा मंडप और फिर गणेश मंडपम पहुंचकर दर्शन करते हैं। इसके बाद पालकी हॉल से होते हुए बाहर निकल जाते हैं।