अब जितने रुपए का रिचार्ज, उतनी ही जलेगी आपके घर की बिजली….

बिजली कंपनी की तैयारी शुरू: अगले महीने से उज्जैन, इंदौर के सरकारी दफ्तरों में प्रीपेड बिजली
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अगले चरण में आम उपभोक्ताओं को इस मोड पर किया जाएगा शिफ्ट
अक्षरविश्व न्यूज:इंदौर। मध्यप्रदेश में जल्द ही बिजली के लिए आम उपभोक्ताओं को रिचार्ज कराना होगा। अगले महीने से प्रदेश में प्रीपेड बिजली प्रणाली लागू होगी। पहले चरण में सरकारी ऑफिस और दूसरे चरण में आम उपभोक्ता को प्रीपेड मोड पर बिजली सप्लाई की जाएगी। उज्जैन, इंदौर में बिजली सेवा देने वाली पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सरकारी और आम उपभोक्ताओं को दी जाने वाली प्रीपेड मोड की व्यवस्था अलग-अलग रहेगी।
मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अनुसार अगस्त में कंपनी क्षेत्र में आने वाले मालवा-निमाड़ के 10 हजार सरकारी कार्यालयों को प्रीपेड से बिजली देंगे। इसमें इंदौर संभाग के 1550 और उज्जैन संभाग के सरकारी कार्यालय शामिल रहेंगे। दिसंबर 2025 तक सभी 50 हजार सरकारी कार्यालयों को इस प्रणाली पर शिफ्ट कर दिया जाएगा।
आम उपभोक्ताओं को कराना होगा रिचार्ज
प्रीपेड बिजली मोड की व्यवस्था आम उपभोक्ताओं के लिए अलग रहेगी। उन्हें सरकारी ऑफिसों की तरह दो माह का बिजली बिल नहीं भरना होगा। बल्कि मोबाइल और वाई-फाई की तरह बिजली जलाने से पहले रिचार्ज करना होगा। दिन-ब-दिन बिजली की खपत के आधार पर बैलेंस कम होता जाएगा। उपभोक्ता को बैलेंस चैक करने की सुविधा दी जाएगी।
सरकारी ऑफिस को दो माह का अग्रिम बिल
नई प्रणाली के अंतर्गत सरकारी विद्युत कनेक्शनों के लिए संबंधित अधिकारी की सहमति से विभाग के कोषाधिकारी को दो माह का अग्रिम बिल जमा करना होगा। संबंधित जोन, वितरण केंद्र प्रभारी, कार्यपालन यंत्री 30 जुलाई तक अधीक्षण यंत्री के माध्यम से संबंधित ऑफिस के कोषाधिकारी को इसकी सूचना देंगे।
कोषाधिकारी अग्रिम देयकों के लिए एडवांस मांगी गई दो माह की राशि विद्युत कंपनी को ट्रांसफर करेंगे। बिजली कंपनी को इन कनेक्शनों से फिलहाल दो माह का अग्रिम बिल भुगतान मिल जाएगा। इसके बाद हर माह मौजूदा खपत के आधार पर राशि ली जाएगी। बता दें कि प्रीपेड व्यवस्था में संबंधित उपभोक्ता को पच्चीस पैसे यूनिट की विशेष छूट दी जाती है।
सरकारी ऑफिसों के बिल का गणित
बिजली कंपनियों ने सभी सरकारी ऑफिसों का दो साल का असेसमेंट किया है। मान लीजिए किसी सरकारी ऑफिस का दो साल में से किसी महीने का बिजली बिल सबसे अधिक 2 हजार रुपए आया है, तो सरकारी ऑफिस को दो माह का बिजली बिल यानी 4 हजार रुपए एडवांस देने होंगे। इसके बाद अगले महीने जितनी यूनिट की खपत होगी, उतना बिल भरना होगा। हालांकि विद्युत वितरण कंपनियों ने अभी यह नहीं बताया है कि कितनी राशि का रिचार्ज कराना होगी और कितने रुपए पर कितनी बिजली मिलेगी।
रिचार्ज 100 रुपए से लेकर अनलिमिटेड
बिजली कंपनियों ने आम उपभोक्ताओं को प्रीपेड बिजली देने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। जिस पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और जानकार मंथन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कंपनियों ने कम से कम 100 रुपए और फिर अनलिमिटेड रिचार्ज का प्रस्ताव तैयार किया है। जिस समय यह व्यवस्था लागू होगी, उस समय के टैरिफ के हिसाब से रिचार्ज की राशि तय होगी।
कंपनियों पर लगेगी पेनल्टी
बिजली कंपनी के सूत्रों ने बताया कि अगले साल तक हर हाल में कम से कम 50 प्रतिशत बिजली कनेक्शन प्रीपेड मोड पर शिफ्ट करना ही है। अगर बिजली कंपनियां ऐसा नहीं करती हैं तो भारत सरकार उन पर पेनल्टी लगाएगी। भारत सरकार ने सरकारी ऑफिसों और आवासीय कॉलोनियों में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने के निर्देश दिए हैं। जिसका उद्देश्य ऊर्जा दक्षता में सुधार है।