अब एक दिन की सप्लाय में दो दिन का पानी स्टोर करना पड़ेगा शहरवासियों को

जिस दिन नलों से नहीं आएगा पानी, उस दिन हैंडपंप और बोरिंग से चलाना होगा काम

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। हर साल की तरह इस वर्ष भी गर्मी शुरू होते ही शहर में जलसंकट ने दस्तक दे दी है। महापौर ने 15 अप्रैल से शहर में एक दिन छोडक़र जलप्रदाय की घोषणा कर दी और पीएचई के अमले को पूरे प्रेशर के साथ जलप्रदाय करने के निर्देश भी दिए। ऐसे में यदि पानी का दुरूपयोग रोका नहीं गया तो मानसून सीजन के पहले ही संकट और गहरा सकता है।

गंभीर डेम में मात्र 70 दिनों के जलप्रदाय का पानी शेष है। उण्डासा खाली हो गया है। शहर में मानसून की दस्तक जून माह के अंतिम सप्ताह में होती है। ऐसे में प्रतिदिन जलप्रदाय कर शहर की प्यास बुझा पानी मुश्किल है। अब जबकि 15 अप्रैल से शहर में एक दिन छोडक़र जलप्रदाय किया जाना है तो जिस दिन जलप्रदाय नहीं होगा उस दिन शहरवासी किस प्रकार अपना काम चलाएंगे। इसको लेकर अक्षर विश्व ने पीएचई कार्यपालन यंत्री केदार खत्री से सीधी बात की जिसमें उन्होंने अपनी योजना साझा की जो इस प्रकार है :-

1. जिस दिन नलों से पानी नहीं आएगा लोग उस दिन कैसे काम चलाएंगे ?

शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 200 से अधिक हैंडपंप हैं, अनेक क्षेत्र में बोरिंग भी हैं जिन्हें पाइप लाइन से कनेक्ट कर लोग पानी लेते हैं। लोगों को अपने नजदीकी हैंडपंप व बोरिंग का उपयोग करना होगा।

2.कम दबाव से जलप्रदाय हुआ तो क्या स्थिति बनेगी?
पीएचई की टीम ने शहर में जलप्रदाय और लोगों द्वारा पानी स्टोर करने की स्थिति का आंकलन किया है। अधिकांश क्षेत्रों में प्रतिदिन जलप्रदाय के दौरान यह देखने में आया है कि टंकियां भरने के बाद भी पानी ढुलता रहता है, कई लोग जलप्रदाय के दौरान पानी से सडक़ें, वाहन धोते हैं। ऐसे में लोगों को पानी का दुरूपयोग रोककर उसे अगले दिन के लिए स्टोर करना होगा।

3.लोगों को पानी बचाने के लिए कैसे जागरूक करेंगे?
हमने 6 झोन के मान से इंजीनियर तैनात किए हैं जो अपने अपने झोन के अंतर्गत आने वाली पेयजल टंकियों पर ड्यूटी करेंगे। क्षेत्रीय पार्षद के साथ उनके वार्ड में भ्रमण कर रोको टोको अभियान भी चलाएंगे। लोगों को पानी के महत्व और उसके दुरूपयोग न करने के बारे में जानकारी देंगे।

4.हैंडपंप, बोरिंग खराब हुए तो कब तक सुधरेंगे?
वर्तमान में पीएचई की 3 टीमें कुएं, बोरिंग सुधारने के लिए काम कर रही हैं। कुछ ही दिनों में इस टीम की संख्या 6 कर देंगे। उक्त टीमें प्रत्येक झोन पर तैनात रहेंगी। पार्षद के माध्यम से अथवा सीधे तौर पर हैंडपंप, बोरिंग खराब होने की शिकायत मिलती है तो टीम द्वारा तुरंत उसमें सुधार कार्य कर दिया जाएगा।

5.टैंकर से पानी की आपूर्ति की क्या तैयारी है?
एक दिन छोडक़र जलप्रदाय करने की स्थिति में टैंकर से आपूर्ति की स्थिति नहीं बनेगी। जिस दिन जलप्रदाय होगा उसे पूरे प्रेशर के साथ किया जाएगा जिससे लोग अपने घरों में दो दिन का पानी स्टोर कर सकते हैं। पीएचई के पास उपलब्ध टैंकरर्स का उपयोग सुलभ काम्पलेक्स, रोटरी में लगे पौधों, उद्यानों आदि के उपयोग में लिए जाएंगे। इसके अलावा टैंकर्स की डिमांड जुलूस, सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी होती है।

6.टैंकर्स भरने की क्या व्यवस्था रहेगी? : शहर के पुराने हाईडेंट, कुएं, बावड़ी का उपयोग किया जाएगा। शासन की जल गंगा संवर्धन योजना के तहत कुएं, बावड़ी की सफाई कराने की योजना है। इन्हीं के माध्यम से टैंकर्स भरकर डिमांड के अनुसार पानी की आपूर्ति की जाएगी।

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