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मंदिरों की नगरी में अब शुरू होगा तीज-त्योहारों का सिलसिला, संस्था और संगठनों के होंगे कार्यक्रम

गजानंद के आगमन की तैयारी……आकार लेने लगी है मंगल मूरत

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। 20 दिन बाद गणेशोत्सव है और गजानंद के आगमन की तैयारी हा रही है। शहर में १० से अधिक स्थानों पर अलग-अलग स्वरूपों में 3 से 10 फीट की मूर्तियों का निर्माण हो चुका है और रंग-रोगन शेष है। विभिन्न संस्था मंडल और संगठनों की बुकिंग भी हो रही है।

 

करीब 3 दशकों से गणेशजी और देवी दुर्गा की मूर्तियां बना रहे ऋषिकेश पाल के अनुसार भगवान गणेश 2 फीट से 16 फीट की मिट्टी की मूर्तियां आकार ले चुकी है। इनका रंग-रोगन और श्रृंगार शेष है। बड़ी संख्या में लोग मूर्तियों की बुकिंग करा चुके है। नानखेड़ा क्षेत्र में मूर्तियों का निमार्ण करने वाले पाली राजस्थान के दुर्गेश राठौड के उनके पास 3 हजार रु. से 30 हजार रु. तक मूर्तियां है। इनकी बुकिंग हो रही है। गणेशोत्सव या उससे दो-तीन पहले सप्लाय कर देंगे। हमारे पास 10 फीट तक की मूर्ति मिल जाएगी।

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अनेक स्थानों पर पूजन का आयोजन

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी आशीष शर्मा ने बताया कि महाकाल मंदिर में 26 अगस्त सोमवार को श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। गोपाल मंदिर के प्रबंधक अजय ढकने ने बताया कि गोपाल मंदिर में 26 को जन्माष्टमी का पव मनाया जाएगा।सांदीपनि आश्रम के पुजारी रूपम व्यास, इस्कॉन मंदिर के पीआरओ राघव पंडित दास और वैष्णव मंदिर से जुड़े विठ्ठल नागर ने बताया कि मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव 26 अगस्त को ही मनाया जा रहा है। प्रमुख मंदिरों में तैयारियों प्रारंभ हो गई है।

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26 अगस्त को जन्माष्टमी, मंदिरों में तैयारियां प्रारंभ

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पर्व इस बार उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर, गोपाल मंदिर और सांदीपनि आश्रम, इस्कॉन मंदिर और वैष्णव सम्प्रदाय के मंदिरों में एक ही दिन 26 अगस्त मनाया जाएगा। दरअसल सोमवार को प्रात: से देर रात तक अष्टमी तिथि रहेगी। वहीं, जन्म के समय रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि संयुक्त रूप से रहेंगे। साथ ही, सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। शहर के श्रीकृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व की तैयारी शुरू हो गई है।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिकभाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव हुआ। इसी दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व को मनाने की परंपरा भी चली आ रही है। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार सोमवार के दिन कृतिका नक्षत्र उपरांत रोहिणी नक्षत्र व हर्षण योग की उपस्थिति में आ रहा है।

इस दिन विशेष यह है कि प्रात: 5.15 से ही अष्टमी लग जाएगी, जो रात्रि 2.20 बजे तक विद्यमान रहेगी। संयोग से नक्षत्र भी दोपहर से बदल जाएगा। पंचांग की गणना में कई बार नक्षत्र व तिथि का अंतर आता है, किंतु इस बार तिथि और नक्षत्र एक ही दिन है। सोमवार को जन्माष्टमी मनाना शास्त्रोचित रहेगा। परंपराओं की बात करें तो वैष्णव परंपरा में दूसरे दिन मनाने का क्रम रहता है। शास्त्र तथा पंचांग की बात करेंगे तो 26 अगस्त को ही श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।

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