गांव में गायत्री मंत्र के साथ पंचकर्म से किया जा रहा इलाज

आरोग्य मंदिर की चाहरदीवारी भी दे रही योग और आयुर्वेद का संदेश
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सुविधा और संसाधनों के अभाव में भी गांव के मरीजों का आयुर्वेद से कैसे बेहतर इलाज किया जा सकता है, इसकी मिसाल आयुष्मान आरोग्य मंदिर पेश कर रहे। उज्जैन में 24 ऐसे मंदिर संचालित हो रहे। गुरुवार को आयुष विभाग की टीम ने इनका निरीक्षण किया। उज्जैन मक्सी रोड पर मुख्य रोड से दो किमी अंदर दोन्ता जागीर गांव में गायत्री मंत्र की गूंज के बीच ग्रामीणों का पंचकर्म से इलाज किया जा रहा। इस मंदिर की चारदीवारी भी योग और आयुर्वेद का संदेश दे रही।
मंदिर का नाम सुनते ही आस्था उमड़ पड़ती है, लेकिन ये आरोग्य मंदिर लोगों की बीमारियां दूर कर रहे। सोमवार को आईएएस और सहायक निदेशक भारत सरकार अरुण कुमार सिंह, उपसंचालक आयुष संचालनालय मध्यप्रदेश डॉ. राजीव मिश्रा एवं टीम ने इस आरोग्य मंदिर का दौरा किया तो ग्रामीणों का इलाज गायत्री मंत्र की धुन के साथ पंचकर्म से किया जा रहा था। डॉ. हबीब पटेल ने बताया 2020 से चल रहे इस आरोग्य मंदिर में डायबिटीज आदि की जांच भी की जाती है। इसके लिए ग्रामीणों को पैथोलॉजी लेब भी जाना नहीं पड़ता। हीमोग्लोबिन सहित आठ तरह की जांच यही हो जाती है। 80 प्रकार की आयुर्वेद दवाएं भी मुफ्त दी जाती हैं। डॉ. मिश्रा ने बताया इन मंदिरों को ऑनलाइन भी जोड़ा गया है, जिससे टेलीमेडिसिन की सुविधा भी उपलब्ध है। तीन हजार आबादी वाले इस गांव में अब लोगों को छोटी बीमारियों के लिए शहर की ओर भागना नहीं पड़ता।
लाइफोमा की बीमारी दूर
डॉ. पटेल ने बताया धन्नूबाई नामक एक महिला को लाइफोमा हो गया था। इसका आकार 5 सेमी का था, लेकिन आयुर्वेद के माध्यम से इसे भी ठीक कर दिया। ग्रामीण कमलसिंह राजपूत ने बताया इस आरोग्य मंदिर के खुलने से घुटने की तकलीफ दूर हो गई। अब छोटी बीमारियों के लिए शहर नहीं जाना पड़ता।
हर जगह संदेश
आरोग्य मंदिर की बाउंड्रीवाल पर तो आयुर्वेद के संदेश हैं ही, परिसर में भी स्वास्थ्य और योग के संदेश लिखे गए हैं। कार्यालय में भी स्वास्थ्य के सूत्र लिखे गए हैं ताकि डॉक्टर के इंतजार के दौरान इनसे जानकारियां मिल सकें। परिसर में औषधि महत्व के 16 पौधे लगाए गए हैं। खास बात ये कि इसके साथ नाम और क्यूआर कोड भी दिए गए हैं। निरीक्षण के दौरान सहायक निदेशक सिंह, सहायक संचालक डॉ. मिश्रा और संदीप कुलश्रेष्ठ ने पौधारोपण भी किया।