Panic Attack: क्यों होती है अचानक बेचैनी और घबराहट? 

By AV NEWS

घबराहट एक ऐसी परेशानी है जिसका सामना हम सभी ने कभी न कभी किया होगा। घबराहट का जरूरी नहीं कि कोई कारण हो। यह मानसिक परेशानी और चिंता के कारण भी हो सकती है। घबराहट किसी भी कारण से हो सकती है। यह भविष्य और वर्तमान के बारे में सोचकर भी हो सकती है। आमतौर पर जो इंसान घबराहट में रहता है उसे नींद नहीं आती। हमेशा तनाव में रहता है। साथ ही घबराहट होने पर सोचने समझने की सूझबूझ भी खो बैठता है। घबराहट होने पर इंसान बेहोश भी हो जाता है। अधिक घबराहट होने पर दिल का दौरा पड़ने की समस्या भो हो सकती है। 

लक्षण

  • घबराहट में हर मनुष्य का शरीर अलग-अलग प्रतिक्रिया करता है।
  • हार्टबीट यानी दिल की धड़कन बढ़ जाती है।
  • कुछ लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है।
  • बहुत कम होता है लेकिन कुछ लोगों को झटके लगने लगते हैं।
  • घबराहट या बेचैनी के कारण शरीर में कंपकपी आना सामान्य लक्षण है।
  • कुछ लोगों का मुंह सूखने लगता है।
  • हाथों में पसीना आना भी घबराहट का एक कारण है।
  • कुछ लोगों को अचानक ठंड या गर्मी लग रही की शिकायत होती है।
  • घबराहट या बेचैनी में कभी-कभी पेट खराब हो जाता है।

कारण

  • ज्यादातर किसी अज्ञात डर की स्थिति में घबराहट होती है। 
  • यदि आप तनाव में हैं तो घबराहट एवं बेचैनी महसूस करेंगे। 
  • जो लोग ज्यादा विचार करते हैं उन्हें भी घबराहट या बेचैनी की शिकायत हो जाती है। 
  • लंबे समय तक दवाओं का सेवन करने वाले घबराहट का शिकार हो सकते हैं। 
  • जिन लोगों को नशे की लत होती है। ऐसे ज्यादातर लोग घबराहट या बेचैनी के शिकार हो जाते हैं। 
  • मानसिक बीमारी ADHD के कारण भी लोगों को घबराहट या बेचैनी की शिकायत होती है। 

गहरी सांसे लें 

गहरी सांस लेने से हमले के दौरान घबराहट के लक्षण कम हो सकते हैं। गहरी सांस लेने के कई प्रभाव हो सकते हैं। यह विश्राम, आराम और सतर्कता की भावनाओं में सुधार कर सकता है और उत्तेजना संबंधी चिंता, अवसाद, क्रोध और भ्रम के लक्षणों को कम कर सकता है। 

अपनी आंखें बंद कर लें

यदि आप बहुत अधिक उत्तेजना वाले तेज़-तर्रार वातावरण में हैं, तो बैचेनी और घबराहट होगी।  उत्तेजनाओं को कम करने के लिए, अपने पैनिक अटैक के दौरान अपनी आंखें बंद कर लें। यह किसी भी अतिरिक्त उत्तेजना को रोक सकता है और आपके सांस पर ध्यान केंद्रित करना आसान बना सकता है।

सकारात्मक सोचें

ज्यादातर मामलों में घबराहट नकारात्मक सोच के चलते होती है। हमारा मन और दिमाग जब बिना किसी कारण गलत सोचने लग जाता है या फिर अपने आप ही होने वाली घटनाओं को इमैजिन करने लग जाता है तो पैनिक अटैक आते हैं। ऐसे में बेहतर होगा अपनी सोच को सकारात्मक रखें और कुछ भी ऊट-पटांग सोचने से बचे। 

प्राणायाम करें

प्राणायाम करने के लिए आप आलती-पालती मार कर बैठ जाएं और आंखें बंद कर धीमी और गहरी सांसें लें। इस दौरान छाती से सांस लेने के बजाय अपने पेट से सांस लें। यह प्रक्रिया आपके मन को शांत रखेगी और किसी भी तरह की घबराहट को आपसे दूर रखेगी।   

तनाव कम लें

किसी भी तरह के तनाव को खुद से दूर रखें। इस बात से सभी वाकिफ हैं कि आजकल की लाइफस्टाइल में तनाव होना एक आम बात है। फिर वो तनाव पर्सनल लाइफ से लेकर प्रोफेशनल लाइफ तक किसी भी तरह का हो सकता है। बढ़ते तनाव के चलते अक्सर पैनिक अटैक आ जाते हैं। यही वजह है कि आपको कम से कम तनाव लेने की कोशिश करनी चाहिए। 

लोगों से मिले-जुलें

कहते हैं चिंता चिता समान होती है। यह चिता अपने मन की होती है, जिसमें शरीर भी अंदर ही अंदर जल कर राख होता रहता है। ऐसे में चिंता करने के बजाय बेहतर होगा आप लोगों से मिले-जुलें। अपने दोस्तों व परिवारजनों के साथ समय बिताएं। उनके साथ कहीं बाहर घूमने जाएं। ऐसा करने पर आप पाएंगे कि धीरे-धीरे ही सही लेकिन आप अपनी घबराहट पर काबू पा रहे हैं। 

अपना ध्यान भटकाने की कोशिश करें

जब भी आपको घबराहट या पैनिक अटैक महसूस हों, अपना ध्यान भटकाने की कोशिश करें। इसके लिए आप अपने किसी प्रियजन से फ़ोन पर बात कर सकते हैं, सोशल मीडिया सर्फिंग कर सकते हैं या फिर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपने पसंद का शो या फिल्म देख सकते हैं।  

डाॅक्टर से परामर्श लें

जब घबराहट की समस्या यानि पैनिक अटैक बढ़ने लगें तो बेहतर होगा आप एक अच्छे से डॉक्टर को दिखाकर उनसे परामर्श लें। डॉक्टर को दिखा लेने से यह फायदा है कि आपको अपनी समस्याओं का सटीक इलाज मिल जायेगा। 

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