दो दिन रहेगी पौष अमावस्या, 20 को रहेगा शनिश्चरी का संयोग भी

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। पंचांग की गणना के अनुसार इस बार पौष मास की अमावस्या तिथि दो दिन रहेगी। धर्मशास्त्र के जानकारों के अनुसार, अमावस्या तिथि 19 दिसंबर (शुक्रवार) को आरंभ होगी और अगले दिन 20 दिसंबर (शनिवार) को भी सूर्योदय के समय विद्यमान रहेगी। इस कारण 20 दिसंबर को एक दुर्लभ शनिश्चरी अमावस्या का महासंयोग बन रहा है।
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ज्योतिषाचार्य पं. बीपी शुक्ला ने बताया कि मान्यता है कि अगर सूर्योदय के समय कोई भी तिथि एक मुहूर्त (लगभग 48 मिनट) से अधिक हो, तो उसे पूरे दिन माना जाता है। चूंकि 19 दिसंबर को आरंभ हुई अमावस्या, 20 दिसंबर शनिवार को भी एक मुहूर्त से अधिक समय तक रहेगी, इसलिए शनिवार को शनिश्चरी अमावस्या का पर्वकाल मनाना शास्त्र सम्मत है। इस दिन पर्व स्नान, दान-पुण्य तथा पितृ कर्म का विशेष लाभ ले सकते हैं। यह दिन पितरों को संतुष्ट करने और शनिदेव की कृपा पाने के लिए खास होता है। पितरों के निमित्त जल दान, पिंडदान करना चाहिए। साथ ही ब्राह्मणों को अन्नदान, वस्त्रदान और पात्र दान करने से पुण्य लाभ मिलता है।

शनि शांति के लिए भी बेहतर
जिन जातकों को जन्म कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या लघु ढैय्या चल रही है, अथवा शनि की महादशा है, उन्हें शनि की वस्तुओं का दान करना चाहिए। शनि स्त्रोत का पाठ अथवा शनि के वैदिक व बीजोक्त मंत्र का जाप करने से शनि महाराज की अनुकूलता प्राप्त की जा सकती है।









