पाक्सो एक्ट के जज से अनुरोध करेंगे, लव जिहाद कांड फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए

पुलिस अधीक्षक ने जांच अधिकारियों की टीम को निर्देश दिए, पूरी तैयारी रखें
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अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। अब पुलिस का एक ही मकसद है कि लव जिहाद कांड के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, ताकि अन्य कोई बदमाश इस तरह की हरकत न कर सके। बिछड़ौद कांड में आरोपियों से की गई पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है जिन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। पाक्सो एक्ट के जज से अनुरोध करेंगे कि यह मामले फास्ट टै्रक कोर्ट में चलें। जल्द से जल्द फरियादियों को न्याय मिले। अभियोजक को भी एसआईटी में शामिल किया गया है।
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि बिछड़ौद और नागदा की घटनाएं समाज विरोधी हैं। ऐसे आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इन मामलों को लेकर चिंतित हैं। एडीजी उमेश जोगा ने मीटिंग लेकर निर्देश दिए हैं। इसके बाद दोनों कांड के मामलों की जांच में जुटी टीम की मीटिंग ली गई।
सभी से कहा गया कि आगामी पंद्रह दिन में चालान पेश हो जाए, ऐसी तैयारी की जाए। पूरे मामले की सूक्ष्मता से जांच की जाए ताकि कोई भी कानूनी पेंच न फंस सके। अधिकारी आपस से में चर्चा करें और यह देखें कि दोनों मामले कोर्ट में जाते हैं तो किन मुद्दों पर सवाल किए जा सकते हैं। क्रास बयान किस तरह होंगे। जिरह में क्या तर्क दिए जा सकते हैं। उनके जवाब अभी से तैयार कर लिए जाएं।
इसलिए रखा अभियोजक को
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों मामलों की जांच एसआइटी कर रही है। एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर के नेतृत्व में टीम ने फरमान और उसके साथियों की जानकारी कलेक्ट कर ली है। इस टीम का एक ही लक्ष्य है कि कोई भी बिंदु न छूटे। सभी आरोपियों का इतिहास खंगाला गया है। अभियोजक को एसआइटी में इसलिए रखा है क्योंकि उन्हें ही कोर्ट में जिरह करना है। उन्हें पता रहे कि केस की बारीकियां क्या हैं।
महिला अधिकारियों को निर्देश
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कोर्ट में जाने के बाद अक्सर लड़कियां डर के कारण यह अन्य किसी दबाव में आकर बयान बदल देती हैं, इसका आरोपियों को लाभ मिलता है। अपराध करने के बाद भी आरोपी को सबूत के अभाव में सजा नहीं मिल पाती। इसलिए महिला अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई कि वे उन लड़कियों के संपर्क में रहें जिनके साथ घटना घटी है। उन्हें बताएं कि आरापियों की सजा उनके बयानों पर ही निर्भर है।
साइबर टीम ने तथ्य जुटाए
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बिछड़ौद और नागदा कांड में जितने भी मोबाइल मिले हैं उनकी साइबर टीम ने जांच की है। टीम को कई वीडियो और फोटो मिले हैं। इन्हें उजागर नहीं किया गया है। यह सबूत कोर्ट में पेश किए जाएंगे। इसमें पुलिस ने पूरी गोपनीयता बरती है। आरोपियों का जो मकसद था पुलिस ने उस पर काम किया। यही बात न्यायालय में रखी जाएगी।
नागदा के वकीलों का रुख
नागदा में लड़कियों को ब्लैकमेल कर हरकत करने वालों को पुलिस ने रात में न्यायाधीश के घर पर पेश किया था। वकील आक्रोशित थे। गनीमत थी कि पुलिस ने मामले को संभाल लिया। वहां के वकीलों ने निर्णय ले लिया कि वे किसी भी आरोपी की तरफ से न्यायाल में पैरवी नहीं करेंगे। अब यह देखना है कि बिछड़ौद कांड जिसने गांव के लोगों की नींद उड़ा दी उस मामले में क्या होता है। इस मामले मे पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हम तैयार हैं, पुख्ता सबूत पेश करेंगे।