अक्षरविश्व ऑन द स्पॉट: संक्रांति से दो माह पहले चाइना डोर पर कलेक्टर ने प्रतिबंध लगाया, असर नहीं
तार नहीं असरदार, मौत की डोर से सुरक्षा की दरकार
अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। मौत की डोर से गला कटने से जिस जीरो पाइंट ब्रिज पर छात्रा ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ा, वहां की सड़क एक बार फिर खून से सन गई। कलेक्टर ने भले ही संक्रांति से दो माह पहले चाइना डोर पर प्रतिबंध लगा दिया हो लेकिन यह प्रतिबंध केवल कागजी साबित हो रहा है। असल में चोरी-छिपे चाइना डोर बिक रही है और लोगों का खून भी बहा रही है।
कहने को तो जोरी पॉइंट ब्रिज और हरिफाटक ओवरब्रिज पर डोर से बचाने के लिए तार बांध दिए हैं लेकिन यह असरदार नहीं। ऐसे में शहरवासियों को मौत की डोर से सुरक्षा की दरकार है। शुक्रवार को अक्षर विश्व टीम उन स्पॉट पर पहुंची जहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं।
और भी हैं डेंजरस स्पॉट: हरिफाटक और जीरो पॉइंट ब्रिज के अलावा और भी कई डेंजरस स्पॉट हैं जहां हादसे होते हैं। इनमें सिंधी कॉलोनी से नानाखेड़ा, चामुंडा माता चौराहा से इंदौरगेट, कृषि उपज मंडी से आगर नाका, नानाखेड़ा से महामृत्युंजय द्वार आदि शामिल हैं।
स्थान- जीरो पॉइंट ब्रिज
इसी ब्रिज पर 15 जनवरी 2022 को एक्टिवा से जा रही नेहा आंजना की चायना डोर से गला कटने से मौत हो गई थी। इसके अलावा 26 दिसंबर को शिक्षा विभाग के कर्मचारी प्रहलाद मोदे निवासी कस्तूरी बाग कॉलोनी का भी गला कट गया जिन्हें 8 टांके लगाने पड़े। यहां ब्रिज के दोनों ओर तार तो बंधे हैं लेकिन कुछ जगह से टूट चुके हैं। आसपास आबादी रहती है जिनकी छत ब्रिज से कुछ ही ऊंचाई पर हैं। ऐसे में हादसे का खतरा सबसे ज्यादा है। हर साल तार बांधने के बावजूद यहां हादसे होते हैं जो बताते हैं कि सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी हैं।
स्थान- हरिफाटक ओवरब्रिज
हरिफाटक ब्रिज पर भी हर साल हादसे होते हैं। ब्रिज की तीन शाखाओं यानी गदापुलिया, त्रिवेणी संग्रहालय और इंदौर रोड की ओर जाने वाले रास्तों पर आबादी काफी कम है इसलिए इन तीनों जगह पर तार नहीं बांधे गए हैं। इसके अलावा बेगमबाग घनी आबादी वाला एरिया है जहां से श्री महाकालेश्वर मंदिर जाने के लिए दिनभर वाहनों का भारी दबाव रहता है। यहां बड़ी संख्या में पतंग उड़ती है और कई बार डोर पुल पर झुलती रहती है जिसकी चपेट में आने से हादसे भी हो चुके हैं। कुछ समय पहले पुलिस ने यहां सुरक्षा के लिहाज से दोनों ओर तार बांधे हैं लेकिन तार बांधना ही काफी नहीं है।
बड़े पैमाने पर सर्चिंग का इंतजार
कलेक्टर ने चायना डोर पर 2 माह के लिए प्रतिबंध लगाया है। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी प्रतिबंध आदेश को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की टीम पतंग बाजार में खूनी डोर को लेकर सर्चिंग कर रही है। तोपखाना सहित जिन क्षेत्रों में पतंग बाजार लगता है वहां पुलिस नजर रख रही है लेकिन बड़े पैमाने पर सर्चिंग अभियान अब तक शुरू नहीं हुआ है। पूर्व में खूनी डोर के कारोबार में शामिल लोगों के मकान जमींदोज किए जा चुके है।
चाइना डोर पर प्रतिबंध का पालन किया जाए
इधर, शिक्षा विभाग में कार्यरत कार्यालय सहायक प्रहलाद मोदे के चाइना डोर से घायल होने पर मध्यप्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष हेमराज घावरी के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन दिया और चाइना डोर पर प्रतिबंध का कठोरता के साथ पालन कराने की मांग की गई, साथ ही पाटीदार ब्रिज पर ड्रोन से नजर रखने की मांग भी रखी गई। ज्ञापन देने वालों में प्रदेश महामंत्री एवं संभागीय अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण गुप्ता, प्रेमचंद नहार, प्रदेश संगठन सचिव महेश सोनोने आदि उपस्थित थे।