पीएम चाहते थे, सीएम खुद घाट निर्माण का भूमिपूजन करें

बैक ड्रॉप बदला.. पीएमओ से उज्जैन के कार्यक्रमों को छोडक़र बाकी सभी लिए गए
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। भोपाल में हुए महिला सम्मेलन के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन में विकास कार्यों का वर्चुअल शिलान्यास करने वाले थे। लोकार्पण को लेकर दिल्ली से लेकर भोपाल और उज्जैन तक असमंजस की स्थिति बनी रही।
सीएम डॉ. मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सहित तमाम भाजपा पदाधिकारियों ने सम्मेलन की तैयारियों को लेकर अंतिम दौर की बैठक की। उस दौरान कार्यक्रम के मंच पर लगे बैक ड्रॉप में सम्मेलन के दौरान होने वाली गतिविधियों और वर्चुअल लोकार्पण, शिलान्यास सहित कुल 6 कार्यक्रमों का जिक्र किया गया था।
जब पीएमओ से उज्जैन के कार्यक्रम को लेकर सहमति नहीं मिली तो आधी रात को महिला सम्मेलन के मंच से बैक ड्रॉप बदला गया। नए बैक ड्रॉप में उज्जैन के कार्यक्रम को छोडक़र बाकी सभी कार्यक्रम यथावत लिखे गए।
जिला प्रशासन को सूचना दी गई
शुक्रवार शाम करीब 5:30 बजे जारी हुए आदेश में उज्जैन में एयरपोर्ट के भूमिपूजन का कार्यक्रम तय किया गया। इसके बाद रात 9 बजे दूसरा संशोधित कार्यक्रम आया। इसमें उज्जैन में 21 किमी शिप्रा घाट के निर्माण एवं शिप्रा कान्ह नदी पर 21 बैराज के शिलान्यास का कार्यक्रम तय किया गया, लेकिन रात करीब 10:45 बजे तीसरा प्रोग्राम जारी हुआ।
इसमें उज्जैन के दोनों कार्यक्रम शामिल नहीं थे। इसके बाद उज्जैन जिला प्रशासन, नगर निगम को रात करीब 11 बजे सूचना दी गई कि अब भोपाल का महिला सम्मेलन खत्म होने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव खुद उज्जैन आएंगे और 21 किमी शिप्रा घाट के निर्माण एवं शिप्रा कान्ह नदी पर 21 बैराज का शिलान्यास करेंगे।
एक घाट का नाम मां अहिल्या को समर्पित
देर शाम सीएम उज्जैन पहुंचे और शिप्रा के घाट निर्माण और शिप्रा -कान्ह नदी पर बनने वाले बैराजों का शिलान्यास किया। प्रोग्राम में हुए बदलाव को लेकर सीएम ने मीडिया से कहा- प्रधानमंत्री का खास आग्रह था कि घाट निर्माण के लिए खुद को जाना चाहिए। उज्जैन तीर्थ नगरी है। संतों के साथ भूमिपूजन करेंगे तो उसका आनंद अलग रहेगा। इसलिए अहिल्या माता का पूजन कर हमने भूमिपूजन किया है। इन घाटों में एक घाट का नाम अहिल्या माता के नाम से भी करने की घोषणा भी की है।