प्लॉस्टिक बीनने के बहाने दिन में रैकी, रात में कर रहे चोरी

पॉश कॉलोनी के लोग परेशान, छोटी-मोटी चोरी की शिकायत थाने में नहीं करते
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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। झुग्गी बस्ती के कुछ युवक-युवती पॉश कालोनियों में प्लास्टिक बीनने के बहाने दिन में रैकी कर रात में चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। 10-20 हजार का सामान चोरी होने पर लोग इसकी शिकायत थाने में नहीं करते। विवेकानंद कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति चोरी की वारदात सीसीटीवी में कैद होने के बाद सबूत के साथ नीलगंगा थाने में शिकायत करने पहुंचे।
विवेकानंद कॉलोनी निवासी योगेन्द्र पोरवाल ने बताया कि चार दिन पहले निर्माणाधीन मकान से नल फिटिंग का सामान और मिस्त्री की कटर मशीन चोरी हुए। इनकी कीमत 15-20 हजार रुपए के करीब थी इसलिए थाने में शिकायत नहीं की, लेकिन पड़ोसी के मकान पर लगे सीसीटीवी कैमरे चैक किए जिसमें युवक-युवती कचरा बीनने के दौरान मकान की रैकी करते दिखे थे। उक्त वारदात के दो दिन बाद क्षेत्र में फिर चोरी की वारदात हुई।
उसमें भी चोर 10-15 हजार रुपए का सामान चुराकर ले गए। सीसीटीवी फुटेज चैक किए तो वही युवक-युवति पीठ पर प्लास्टिक का थैला टांगकर घूमते नजर आए। फुटेज से यह बात स्पष्ट हो गई कि एक ही गैंग दिन में प्लास्टिक बीनने के बहाने मोहल्ले में रैकी करती है और रात में चोरी की वारदात को अंजाम देती है। योगेन्द्र पोरवाल सीसीटीवी फुटेज लेकर नीलगंगा थाने में शिकायत करने पहुंचे।
पुलिस नहीं दिखाती गंभीरता- छोटी-मोटी चोरी की वारदातों में पुलिस गंभीरता नहीं दिखाती उलटे शिकायतकर्ता को सलाह देती है कि चौकीदार क्यों नहीं रखते। जिस व्यक्ति के घर चोरी होती है वह भी रिपोर्ट लिखाने थाने के चक्कर लगाने से बचते हैं। पुलिसकर्मी सिर्फ लिस्टेड चोरों को फुटेज के आधार पर पकड़ते हैं, बाकी को नशेड़ी, स्मैकची, पावडर छाप कहकर गंभीरता से नहीं लेती।
झुग्गियों की चैकिंग या पहचान नहीं
शहर के विभिन्न क्षेत्रों और बायपास पर अनजान लोग झुग्गी बनाकर रह रहे हैं। ऐसे लोगों की पुलिस द्वारा न तो चैकिंग की जा रही है और न ही इनकी कोई पहचान पुलिस के पास है। कुछ लोग फेरी लगाकर धंधा करते हैं तो कुछ पन्नी, प्लास्टिक बीनने का काम करते हैं। लंबे समय से पुलिस ने डेरों में रहने वाले इन लोगों चैकिंग नहीं की है।