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Raksha Bandhan: भाई-बहन के प्रगाढ़ प्रेम का पर्व है रक्षाबंधन

रक्षा-बंधन यानि – रक्षा का बंधन, एक ऐसा रक्षा सूत्र जो भाई को सभी संकटों से दूर रखता है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच स्नेह और पवित्र रिश्ते का प्रतिक है। रक्षाबंधन एक सामाजिक, पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक भावना के धागे से बना एक ऐसा पावन बंधन है,

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जिसे रक्षाबंधन के नाम से केवल भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल और मॉरेशिस में भी बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। राखी के त्योहार को हम संपूर्ण भारतवर्ष में सदियों से मनाते चले आ रहे हैं। आजकल इस त्योहार पर बहनें अपने भाई के घर राखी और मिठाइयाँ ले जाती हैं। भाई राखी बाँधने के पश्चात् अपनी बहन को दक्षिणा स्वरूप रुपए देते हैं या कुछ उपहार देते हैं।

भाई-बहन का प्यार 

वैसे तो भाई-बहन का रिश्ता बहुत खास होता है, जिस तरह से वह एक-दूसरे की चिंता करते है, उसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती है। जैसे-जैसे वह बड़े होते जाते हैं जीवन के विभिन्न समयों पर यह रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत होता जाता है। बड़े भाई अपनी बहनों की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं,

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इसी तरह बड़ी बहनों द्वारा भी अपने छोटे भाइयों का मार्गदर्शन किया जाता है। भाई-बहन के इसी प्रेम के कारण यह विशेष पर्व मानाया जाता है, रक्षा बंधन का त्योहार हर भाई-बहन के लिए बहुत खास होता है। यह उनका एक-दूसरे के प्रति आपसी स्नेह, एकजुटता और विश्वास का प्रतीक है।

भाई-बहन के रिश्ते में हो सम्मान

किसी भी रिश्ते में एक दूसरे के लिए सम्मान होना जरूरी है। भाई बहन को भी एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। बहन की जिम्मेदारी है कि वह भाई का सम्मान करें तो भाई की इच्छाओं और सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला कोई काम करना चाहिए। दोनों को एक दूसरे की बातों पर अमल करना चाहिए।

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चाहे भाई या बहन छोटा ही क्यों न हो कुछ भी ऐसा न करें जिससे उसके सम्मान को ठेस पहुंचे। छोटी उम्र में एक बार को ऐसी चीजें इग्नोर कर दी जाती हैं, लेकिन बड़ी उम्र में ऐसा कुछ हो तो व्यक्ति इन्हें दिल से लगा लेता है और रिश्ता टूट जाता है।

मुश्किल घड़ी में बने एक-दूसरे के साथी

भाई-बहन इस साल रक्षाबंधन पर इस बात का संकल्प लें कि वे आजीवन मुश्किल परिस्थिति में एक दूसरे का साथ निभाएंगे और सुख-दुख के समय में भी एक दूसरे का सराहा बनेंगे.जिंदगी की नई शुरुआत यानी शादी का फैसला लेने पर भाई खासतौर पर बहन को सपोर्ट देता है।

साथ ही एक भाई इस बात का खास ख्याल रखता है कि उसकी बहन ऐसे घर में शादी करके जाएं जहां उसे किसी तरह की कोई कमी ना हो। वे उसकी खुशियों को सबसे आगे रखता है।

पसंद नापसंद का रखें ख्याल

भाई बहन को एक दूसरे की पसंद नापसंद के बारे में बता होना चाहिए। कई बार एक दूसरे की पसंद का ध्यान न रखने और उनकी पसंद के खिलाफ कुछ काम करने से मनमुटाव हो सकता है। दो लोगों का नेचर समान नहीं हो सकता है। भाई-बहन भले ही साथ रहते हों|

लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि एक को जो चीज पसंद हो वह दूसरे को भी पसंद आए। बेहतर यही है कि दोनों एक-दूसरे की पसंद नापसंद का ख्याल रखें, इससे वे हर्ट होने और करने से बच सकेंगे, जो उनके बीच का प्यार बरकरार रखेगा।

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