RBI Gold Reserve 2025: दुन‍िया में गोल्‍ड के मामले भारत सातवां नंबर, 880 टन सोने का भंडार… फ‍िर भी सोना खरीदने के पीछे क्‍यों पड़ा है भारत, जानिए इसके पीछे का राज?

RBI Gold Reserve 2025: दुन‍िया में गोल्‍ड के मामले भारत सातवां नंबर, 880 टन सोने का भंडार… फ‍िर भी सोना खरीदने के पीछे क्‍यों पड़ा है भारत, जानिए इसके पीछे का राज?  अमेर‍िका की तरफ से रेस‍िप्रोकल टैर‍िफ लगाने का ऐलान क‍िये जाने के बाद मार्च और अप्रैल महीने में सोने के दाम तेजी से ऊपर गए. लेक‍िन ट्रंप के रुख में नरमी के बाद सोने की कीमत नीचे आई हैं. सोने की कीमत में तेजी का कारण दुन‍ियाभर के सेंट्रल बैंकों की तरफ से इसकी खरीदारी पर फोकस करना रहा है. केंद्रीय बैंक सोने में न‍िवेश को मुश्किल समय के ल‍िए सुरक्षित ऑप्‍शन मानकर चल रहे हैं.

RBI आरबीआई क्‍यों खरीद रहा इतना सोना Why Is RBI Buying So Much Gold?

RBI की तरफ से सोना खरीदे जाने का सबसे बड़ा कारण अमेरिकी डॉलर की अस्थिरता है. बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉम‍िस्‍ट मदन सबनवीस कहते हैं ‘हाल के सालों में डॉलर की कीमत में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है. सोना एक स्थिर विकल्प है, जो र‍िस्‍क को कम करता है.’ अमेरिकी डॉलर दुनिया की प्रमुख रिजर्व मुद्रा है लेकिन इसकी कीमत में बदलाव और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड बढ़ने से केंद्रीय बैंकों के लिए र‍िस्‍क बढ़ गया है.

र‍िजर्व बैंक ने भी प‍िछले कुछ साल के दौरान तेजी से सोने की खरीदारी की है. दुन‍ियाभर के सबसे ज्‍यादा सोना रखने वाले देशों में भारत सातवें नंबर पर पहुंच गया है. पिछले पांच साल में आरबीआई के पास सोने का भंडार 35% बढ़ गया है. आइए जानते हैं आरबीआई (RBI) इतना सोना क्‍यों खरीद रहा है, जबकि भारत के पास पहले से ही सातवां सबसे बड़ा भंडार है

कई बैंक अपने डॉलर भंडार को कम करके सोने में निवेश कर रहे हैं. RBI सितंबर 2022 से 214 टन सोना भारत वापस लाया है. यह कदम ग्‍लोबल अस्थिरता के बीच देश में सोने के भंडारण को बढ़ाने की पॉल‍िसी दर्शाता है.

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Why are central banks around the world increasing their gold reserves? दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपने स्वर्ण भंडार क्यों बढ़ा रहे हैं?

आर्थिक अनिश्चितता के समय सोने के स्थिरता देने के कारण इसे सुरक्ष‍ित न‍िवेश माना गया है. यही कारण है कि दुनियाभर के केंद्रीय बैंक अपना-अपना सोने का भंडार बढ़ा रहे हैं. सोना आर्थिक स्थिरता देने के साथ ही मुद्रा के मूल्य में उतार-चढ़ाव से भी बचाता है. जब दूसरे निवेश जोखिम भरे होते हैं. ऐसे में सोना केंद्रीय बैंकों के लिए भरोसेमंद विकल्प बन जाता है

वैश्‍व‍िक संकट और सोने की मांग पिछले कुछ साल के दौरान दुनिया ने कई आर्थिक झटके देखे हैं. कोविड-19 महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध, बढ़ती ज‍ियो-पॉल‍िट‍िकल टेंशन और अमेरिका के ब‍िजनेस ड‍िस्‍प्‍यूट ने ग्‍लोबल इकोनॉमी को अस्थिर किया है. इन संकटों के बीच सोने की कीमत रिकॉर्ड लेवल  पर पहुंच गई हैं.

India’s gold reserves are continuously increasing भारत का स्वर्ण भंडार लगातार बढ़ रहा है

भारत का लगातार बढ़ता सोने का भंडार आरबीआई (RBI) ने हाल के कुछ सालों में सोने के भंडार को तेजी से बढ़ाया है. FY 2024-25 में ही आरबीआई ने 57.5 टन सोना खरीदा है. यह साल 2017 के बाद क‍िसी एक साल में की गई सबसे बड़ी खरीद है. पिछले पांच साल में र‍िजर्व बैंक के सोने के भंडार में 35% का इजाफा हुआ है. 2020 में भारत के पास 653 टन सोना था, जो मार्च 2025 तक बढ़कर 880 टन हो गया.

World Gold Council India’s total foreign exchange reserves भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का वैश्‍व‍िक सोने के भंडार में सातवां नंबर है. 2015 में भारत इस ल‍िस्‍ट में भारत दसवें नंबर पर था. वर्ल्‍ड गोल्‍ड काउंस‍िल (WGC) के अनुसार भारत के पास कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 11.35% हिस्सा सोना है, यह 2021 में 6.86% था

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