बैंक अधिकारी से 50 लाख रुपए की ठगी की जांच कर रही स्टेट सायबर

By AV NEWS

Cyber ठगों ने दो दिन तक घर में किया डिजिटल अरेस्ट

सीबीआई अधिकारी बनकर धमकाया और मोबाइल पर भेजा अरेस्ट लेटर

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी से 50 लाख की ऑनलाइन ठगी हो गई। बदमाशों ने रिटायर्ड अफसर को सीबीआई अफसर बनकर फोन किया। उन्हें दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर बदमाशों ने बुजुर्ग दंपती से 50 लाख 71 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए।

कुछ लोगों ने अपने आपको सीबीआई अधिकारी बताकर एक दंपती को इतना डराया धमकाया कि उन्होंने इन लोगों की बात पर भरोसा करते हुए उनके खाते में 50 लाख 71,000 की राशि ट्रांसफर कर दी। यह राशि लेने के लिए फोन करने वाले लोगों ने सभी तरह के हथकंड़े आजमाए।

उन्होंने रिटायर्ड अधिकारी के मोबाइल पर अरेस्ट लेटर भेजा और यहां तक कह दिया कि अगर हमारी बात नहीं मानोगे तो तुम्हें अरेस्ट कर जेल भेज दिया जाएगा। इन लोगों की बातों से घबराकर दंपती ने फोन करने वाले लोगों के बताए गए खाते में अपनी जमा पूंजी ट्रांसफर तो कर दी। लेकिन जब उन्हें बाद में अपने सारे रुपये गंवाने की जानकारी लगी तो तुरंत वह थाने पहुंचे। जहां उन्होंने पुलिस को इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है।

ठग ने ऐसे फंसाया अपने जाल में

ठगी करने वाले लोगों ने राकेश कुमार जैन को सभी तरह से डरा-धमका कर यह यकीन दिला दिया था कि वह असली सीबीआई अफसर हैं और जो भी कार्रवाई कर रहे हैं, वह एक गोपनीय कार्रवाई है। अगर इससे संबंधित जानकारी किसी को दी जाती है तो राकेश कुमार जैन को तीन साल की सजा भी हो सकती है। यही कारण था कि राकेश किसी को इस बारे में बता नहीं पाए। साथ ही ठगों ने उन्हें इतना व्यस्त रखा कि उन्होंने इस बात की जानकारी अपने बच्चों तक को नहीं दी।

कभी वह उससे फोन पर बात करते तो कभी वीडियो कॉल के माध्यम से उससे जुड़े रहते थे। वह इसके माध्यम से यह जानने का प्रयास करते थे कि राजेश इस बारे में कभी किसी को न बता दे। ठगों ने सीनियर सीबीईसी अधिकारी मोहित हांड से 80932-73624 से बात करवाई। उन्होंने राकेश को डिजिटल अरेस्ट का लेटर वॉट्सअप पर भेजा और बताया कि सुप्रीम कोर्ट और आरबीआई के नियमों के तहत ये जानकारी अन्य किसी को साझा नहीं करनी है।

पीडि़त है रिटायर्ड बैंक अधिकारी

डिजिटल अरेस्ट में नीरा हवेली में रहने वाले एसबीआई के मैनेजर पद से रिटायर्ड हुए राकेश कुमार जैन उम्र 65 साल के साथ ठगी की वारदात हुई। जिन्होंने पुलिस को बताया कि सात अगस्त को उनके पास सीबीआई अधिकारी के नाम से मोबाइल नंबर 8653891750 से फोन आया। इस अफसर ने राकेश कुमार जैन को कहा कि आपके मोबाइल नंबर को हम तत्काल ब्लॉक कर रहे हैं।

राकेश जैन ने जब नंबर ब्लॉक करने का कारण पूछा तो कार्रवाई का डर बताकर फर्जी अधिकारी ने फोन दूसरे नंबर पर ट्रांसफर कर दिया। दूसरे ठग ने कहा कि मैं साइबर क्राइम विभाग मुंबई से बोल रहा हूं। आपके आधार कार्ड नंबर से एचडीएफसी मुंबई में एक खाता खोला गया है। उस खाते से करोड़ों रुपये की मनी लांड्रिंग एवं अवैध लेन-देन हुआ है। हमें आपकी सर्चिंग करने का कहा गया है, इसलिए अब आप इस कार्रवाई में हमारा सहयोग करें।

एफडी तोड़ी और जमा करवा दिए 50 लाख

डिजिटल अरेस्ट रहने के बाद बुजुर्ग दंपत्ति बदमाशों की बातों में आ गए। उन्होंने अपने बैंक की 50 लाख की एफडी तोड़कर महाकाल नामक फर्म के खाते में रुपये जमा करा दिए। ये खाता गाजियाबाद के राजेंद्र नगर बंधन बैंक का निकला। इस घटना के बाद स्टेट साइबर सेल के साथ काम कर रही पुलिस के अनुसार घटना की जानकारी आज मिली है। जल्द ही कार्रवाई कर आरोपी को पकड़ा जाएगा।

रिटायर्ड बैंक अफसर के साथ हुई धोखाधड़ी की जांच स्टेट सायबर सेल द्वारा की जा रही है। जिला सायबर सेल के पास 2 लाख रुपये तक की धोखाधड़ी के मामलों की जांच के अधिकार होते हैं। इससे ऊपर की राशि के मामले स्टेट सायबर सेल ही देखती है। – फाल्गुनी पॉल, प्रभारी आईटी सेल

क्या है डिजिटल अरेस्ट

मामले में ठगी का एक नया तरीका ‘डिजिटल अरेस्ट’ का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें पीड़ित को वीडियो कॉल पर डरा धमका कर घर में ही कैद कर लिया जाता है। जिसे साइबर क्राइम की भाषा में डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है। रिटायर्ड बैंक अधिकारी की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इस घटना के बाद स्टेट साइबर सेल के साथ काम कर रही है। पुलिस का कहना है कि घटना की जानकारी आज मिली है जल्द ही कार्रवाई कर आरोपी को पकड़ा जाएगा और बुजुर्ग दम्पत्ति से ठगी गई रकम जल्द ही वापस दिलाई जाएगी।

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