भोपाल कांड के बाद जागा आरटीओ ट्रैफिक विभाग, बसों की सेहत जांची

6 में से 4 स्कूलों की 27 बसों में नहीं मिली पीयूसी, 81 हजार रुपए का जुर्माना लगाया
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। भोपाल में सोमवार को स्कूल बस से हुए दर्दनाक हादसे में डॉक्टर युवती की मौत के बाद आरटीओ और यातायात विभाग नींद से जागा। मंगलवार दोपहर परिवहन विभाग और ट्रैफिक विभाग की टीम ने स्कूल बसों की सेहत जांची। इस दौरान 6 स्कूल और एक कॉलेज की कुल 103 बसों की चैकिंग की गई जिन बसों में अनियमितता और कमी पाई गई उन पर 81 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।
दरअसल, सोमवार को भोपाल के बाणगंगा चौराहे पर स्कूल बस के ब्रेक फेल हो गए थे। इसमें घटना में डॉक्टर युवती की मौत हो गई थी और कुछ लोग घायल हुए थे। इस घटना से सबक लेते हुए संभागीय परिवहन सुरक्षा फ्लाइंग स्क्वॉड के साथ यातायात डीएसपी दिलीप सिंह परिहार स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां होने के चलते संयुक्त टीम बनाकर खुद स्कूल पहुंचे। यहां वाहनों का फिटनेस, ड्राइवरों के लाइसेंस, बसों में इमरजेंसी गेट, आपातकालीन बटन, फस्र्ट एड किट सहित अन्य जरूरी दस्तावेजों की जांच की गई। इस दौरान जिन स्कूल बसों के इमरजेंसी गेट पर सीट लगी पाई गई उन्हें हटवाया गया। यह चैकिंग अभियान निरंतर चलाया जाएगा।
इन स्कूल बसों की जांच
पहले दिन 6 स्कूल बसों की जांच की गई। इसमें क्रिस्ट ज्योति की 19 बसों में से 12 की पीयूसी नहीं पाई गई। इसी तरह ऑक्सफोर्ड की 12 बसों में 5, न्यू ऑक्सफोर्ड की 5 बसों में से 2, ज्ञानसागर स्कूल की 20 बसों में 8 में पीयूसी नहीं पाई गई, जबकि पोदार की 16, निर्मला कॉन्वेंट की 29 और महाराज कॉलेज की 2 बसों की चैकिंग में पेपर वर्क पूरा मिला। इसके बाद टीम ने क्रिस्ट ज्योति से 36 हजार, ऑक्सफोर्ड स्कूल से 15 हजार, न्यू ऑक्सफोर्ड स्कूल से 6 हजार और ज्ञानसागर से 24 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया।
पहले शहर फिर ग्रामीण
सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन के साथ यह अभियान बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है ताकि स्कूल खुलने से पहले सभी वाहन तय मानकों पर खरा उतर सकें। यह जांच शहर के सभी स्कूल में होंगी जिसके लिए निरंतर अभियान चलाया जाएगा। उसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूल बसों की जांच की जाएगी।