रामघाट पर शिप्रा का जलस्तर बढ़ा छोटी रपट से एक फीट ऊपर पानी

स्टॉपडेम के दो गेट खोले

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

घाट पर सुरक्षा के लिए लगी रस्सी और चेतावनी लिखे पोस्टर आधे डूबे, रपट पर बैरिकेड लगाकर आवागमन किया बंद

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। बिना बारिश के रामघाट पर शनिवार को शिप्रा का जलस्तर बढ़ गया। पानी छोटी रपट से एक फीट ऊपर आ गया जिससे घाट पर सुरक्षा के लिए लगी रस्सी और चेतावनी लिखे बोर्ड भी डूब गए। इसके चलते बतौर एहतियातन बैरिकेड लगाकर वहां श्रद्धालुओं का आवागमन बंद कर दिया और दो जवानों को तैनात कर दिया। हालांकि, बाद में जलस्तर को कम करने के लिए बड़े पुल के नीचे से स्टॉपडेम के दो गेट खोल दिए गए।

दरअसल, त्रिवेणी पर कान्ह के गंदे पानी को रोकने के लिए मिट्टी का पुल बनाया गया था जो हाल ही में पानी का दबाव बढऩे के कारण टूट गया जिसके बाद से गंदा पानी लगातार शिप्रा में मिल रहा है और जलस्तर भी बढ़ रहा है। शनिवार को रामघाट पर पानी छोटी रपट से एक फीट पर ऊपर आ गया। ऐसे में बैरिकेड्स लगाकर रपट से श्रद्धालुओं के आवागमन को बंद कर दिया गया।

रस्सी और बोर्ड डूबे
नदी में श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए रस्सी बांधी गई है और उस पर चेतावनी लिखे बोर्ड भी लगाए गए हैं। शनिवार को नदी में पानी बढऩे के बाद रस्सी और बोर्ड पानी मेें डूब गए जिससे स्नान करने आए श्रद्धालुओं को यह नजर नहीं आए।

स्टॉपडेम के गेट खोले
नदी में बढ़ते जलस्तर के चलते और संभावित हादसों पर रोक लगाने के लिए शनिवार सुबह बड़े पुल के नीचे स्थित स्टॉपडेम के दो गेट खोल दिए गए जिससे लगातार पानी निकाला जा रहे ताकि जलस्तर कम किया जा सके।

रामघाट पर शिप्रा के कचरे में उलझी थी सीएम की नाव…!

उज्जैन। शिप्रा में साफ-सफाई को लेकर प्रशासन अब भी अलर्ट नहीं हुआ है। नदी में कई जगह कचरा और गंदगी दिखाई देती है। इसी कचरे के कारण मार्च में आयोजित विक्रमोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नाव उलझ गई थी। हालांकि, इसके बाद भी जिम्मेदार नहीं जागे हैं। सूत्रों के अनुसार 22 मार्च को रामघाट पर आयोजित विक्रमोत्सव के दौरान सुबह शिप्रा नदी में नौका विहार किया था। इस दौरान सीएम की नाव में कचरा उलझ गया था। इससे नाव दुर्घटनाग्रस्त भी हो सकती थी। घटना अलसुबह की थी और सीएम सुरक्षा से जुड़ी थी। इस कारण इसे गोपनीय रखा गया। यह मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा और मुख्य सचिव (सीएस) अनुराग जैन ने नाराजगी जताई थी। अधिकृत सूत्र इसकी पुष्टि करते हैं लेकिन खुलकर कोई बोलने को तैयार नहीं है।

शिप्रा में बढ़ रही दुर्घटनाएं, नियंत्रण जरूरी…: शिप्रा नदी में स्नान के दौरान हो रही घटनाएं भी प्रशासन के लिए चिंताजनक बन रही हैं। कई प्रयास करने के बाद भी दुर्घटनाओं और मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा। इसी माह 4 मई को गंगानगर निवासी पवन मालवीय की नदी में डूबने से मौत हो गई थी। नदी के घाटों पर काई और कचरा अधिक होने तथा कुछ जगह पानी की गहराई अधिक होने से ये घटनाएं हो रहीं। इन पर नियंत्रण के लिए प्रशासन को सुरक्षा के उपाय किए जाना जरूरी हैं।

Related Articles