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दो नाटकों की जीवंत प्रस्तुति के साथ सिंधी बाल नाट्य समारोह का समापन

उज्जैन। कालिदास अकादमी में चल रहे सिंधी बाल नाट्य समारोह का समापन हुआ। अतिथि मनीष देवनानी एवं सुनील खत्री थे। नाट्य समारोह के संयोजक राजकुमार परसवानी ने बताया कि सिंधु प्रवाह अकादमी द्वारा राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद नई दिल्ली एवं सिंधु जागत समाज के सहयोग से आयोजित किए जा रहे समारोह की द्वितीय एवं समापन संध्या पर नाटक खिचणीय जो राज़ रंग सिंधु इंदौर का मंचन युवा निर्देशक जय पंजवानी के निर्देशन हुआ। जिसमें बाल कलाकारों ने बहुत ही उम्दा अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया।

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नाटक आराधना चावला, अरिशा अरोरा, कार्तिक आघीचा, आरोही राजानी, प्रथम ओचानी, विनिशा अरोरा, राधिका वाधवानी, भूमिका वाधवानी, एंजल चावला, आस्था वाधवानी, सानिया कपूर, एंजल कारिरा, लविश्का वाधवानी, हर्ष कटारिया, गणेश आघीचा ने अभिनय किया। मंच परे सिन्धी अनुवाद राजकुमारी पंजवानी, वेशभूषा काजल पंजवानी, ताल वाद्य आर्यन गर्गे, संगीत संचालन ईशा वीरवानी, प्रकाश संचालन संजय वर्मा, मंच व्यवस्था मनोज वीरवानी, मंच सामग्री राजकुमारी पंजवानी का रहा। दूसरा नाटक हड्डी का सिन्धी रुपान्तरण हिमथ न हारि सिन्धू प्रवाह अकादमी की प्रस्तुति वरिष्ठ नाटक निर्देशक कुमार किशन के निर्देशन मे हुआ। जिसमें वर्तमान समय में नेताओं की मौका परस्ती पर व्यंग्य करते हुए एकता का संदेश दिया गया। भगवान बाबाणी, चिमन दास लखानी, डॉ. पल्लवी किशन, कुमार शिवम, सोनल भागचंदानी, पलक सोनी, वीणा व्यास, आकांक्षा सोनी, शांतनु भागचंदानी आदि का
सहयोग रहा।

कार्यक्रम में इन युवाओं को मिला सम्मान
इस मौके पर मनीष देवनानी एवं चिमन दास लखाणी को सिंध्यत जी शान अवार्ड, मुकेश सोनी सीए, शिक्षाविद्, तरुण रोचवानी, सिद्धार्थ भागचंदानी, नियति चंदनानी, श्रुति शर्मा को सिन्धी युवा गौरव अवार्ड व रंगकर्मी जय पंजवानी को रंगमनीषी सम्मान से सम्मानित किया गया।

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मालासेरी डुंगरी के लिए पैदल जल-कलश यात्रा शुरू हुई
उज्जैन। राजस्थान के मालासेरी डुंगरी तीर्थ स्थल के लिए पैदल जल कलश यात्रा 5 अगस्त मंगलवार को सुबह 9.30 बजे मां क्षिप्रा का जल लेकर रामघाट से शुरू हुई। यात्रा संयोजक लाखनसिंह लोहागढ़ ने बताया विष्णु अवतार भगवान श्री देवनारायण के प्रति आस्था के उद्देश्य से निकाली जा रही यह यात्रा उन्हेल, नागदा, जावरा, दलोदा, मन्दसौर, पिपलियामण्डी, मल्हारगढ़, नीमच, नयागाँव होते हुए राजस्थान के निम्बाहेड़ा, चित्तौडग़ढ़, भीलवाड़ा, मांडल, तहसील आसींद में तीर्थ मालासेरी डुंगरी पहुंचेगी। यहां पर बाल स्वरूप में विराजित भगवान श्री देवनारायण के जलाभिषेक के साथ पदयात्रा का समापन होगा।

व्याख्यानमाला आयोजित

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उज्जैन। महान भारतीय रसायनज्ञ आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय के 164वें जन्मदिवस पर भारतीय ज्ञान परम्परा पर केंद्रित तीन दिवसीय व्याख्यानमाला का शुभारम्भ हुआ। विज्ञान भारती के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय के रसायन एवं जैव रसायन अध्ययनशाला में आयोजित इस व्याख्यानमाला के पहले दिन, कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने की।

 

 

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