नयापुरा जैन मंदिर तोडऩे का समाजजनों ने किया विरोध

By AV NEWS 2

बोले…हेरिटेज में लिस्टेड मंदिर से छेड़छाड़ होने से हिल सकता है स्ट्रक्चर

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:केडीगेट से नयापुरा होते हुए अंकपात मार्ग ईमली तिराहा तक नगर निगम द्वारा सड़क चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है। इस मार्ग के बीच में आने वाले प्रत्येक धार्मिक स्थलों को हटाने की कार्यवाही आपसी तालमेल से की जा रही है। सुबह नयापुरा स्थित दिगम्बर जैन मंदिर तोडऩे पहुंची निगम की गैंग का समाजजनों ने विरोध किया और मंदिर को ऐतिहासिक धरोहर भी बताया। पुलिस प्रशासन के अफसरों व जैन समाजजनों की बैठक में फिलहाल कोई हल नहीं निकल पाया तो कार्रवाई स्थगित की गई है।

सुबह नयापुरा स्थित पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर का चौड़ीकरण की जद में आ रहा करीब 10-12 फीट हिस्सा तोडऩे नगर निगम की टीम पहुंची तो समाजजनों ने कार्रवाई का विरोध किया। मंदिर से जुड़े निशांत जैन ने बताया कि उक्त मंदिर इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिेटेज द्वारा 1987 में उज्जैन के पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों पर किए गए सर्वेक्षण की रिपार्ट में इस मंदिर का उल्लेख 106 नंबर पर श्री पाश्र्वनाथ जैन टेम्पल के नाम से दर्ज है।

प्राचीन धरोहर होने के साथ ही मंदिर में विराजमान मूर्तियां सैकड़ों वर्ष पुरानी हैं। प्राचीनकाल में निर्मित उक्त मंदिर की संरचना इस प्रकार है कि दीवार या छत में किसी प्रकार की छेड़छाड़ की जाती है तो पूरा स्ट्रक्चर गिर सकता है। निशांत जैन ने बताया कि मंदिर का स्ट्रक्चर ऑडिट भी कराया गया है जिसमें स्पष्ट हुआ है कि दीवारों में लगे पत्थर अलग प्रकार से लगाये गये हैं वहीं पत्थर की गार्डर लगी है। करीब 458 वर्ष पुराने उक्त मंदिर के किसी भी हिस्से को तोडऩे पर पूरा मंदिर क्षतिग्रस्त हो जायेगा।

तपोभूमि में ऐसे टला फैसला….अब सरकार के इंजीनियर नापेंगे जमीन

तपोभूमि नयापुरा जैन मंदिर मामले में सुलह का केंद्र बना।

आचार्य प्रज्ञासागर जी महाराज की उपस्थिति में एडीएम अनुकूल जैन, एएसपी सहित समाज के लोगों में मंथन हुआ।

समाज के कुछ लोगों ने प्रस्ताव दिया कि चौड़ीकरण के लिए सड़क की दूसरी तरफ मंदिर के सामने की जमीन खरीदकर देंगे।

प्रशासन का कहना है कि आठ मकान सीमा में आ रहे।

तय हुआ है कि प्रशासन पक्ष के इंजीनियर जमीन नापेंगे और देखेंगे कि चार मकान आ रहे या नहीं।

इस कारण निर्णय कुछ दिनों के लिए टाला है।

मंदिर पक्ष से दिनेश जैन, पवन बोहरा, देवेंद्र पाटनी, पलाश लुहाडिय़ा, अशोक जैन चायवाला थे।

प्रशासन का आश्वासन हमें स्वीकार नहीं

समाजजनों ने चर्चा में बताया कि प्रशासन की तरफ से मीटिंग के दौरान आश्वासन दिया गया है कि आप लोग मंदिर का हिस्सा तोड़ें उसे पुन: बनाकर प्रशासन द्वारा दिया जायेगा। यदि नगर निगम द्वारा इसे तोड़ा गया तो निगम इंजीनियर शेष हिस्से को पुन: बनवाकर भी दे सकते हैं। हालांकि प्रशासन के आश्वासन से समाजजन सहमत नहीं हुए। समाज की महिलाओं ने मंदिर के गेट पर खड़े होकर अफसरों के सामने मंत्रजाप जारी रखा। इस दौरान कार्रवाई स्थगित रही।

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