प्रदीप का पंच: पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर चिमनगंज मंडी पुलिस ने किया था मौका मुआयना
- लोगों ने समर्थन किया था अभियान का
- तब गुंडे-बदमाशों में पैदा हुआ था खौफ
- अपने पैरों पर खड़े भी नहीं हो पा रहे थे
- बोले थे, तौबा-तौबा अब कभी नहीं करेंगे
अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। शहर में फिर बढ़ गए हैं रंगदार और चाकूबाज। आम लोगों को परेशान कर कतिपय बदमाश रंगदारी मांग रहे हैं। न देने पर हमला भी कर रहे हैं। कोई हवा में चाकू लहरा कर आतंक मचा रहा है तो मामूली बात पर हमला भी कर रहा है। ऐसे बदमाशों को नसीहत देने के लिए लोगों एसपी का मौका मुआयना अभियान याद आ रहा है।
चिमनंगज मंडी थाना क्षेत्र में हुए दो मौका मुआयना को लोग भूले नहीं हैं। बदमाश अपने पैरों पर खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। बोले थे, तौबा-तौबा, आज के बाद वसूली नहीं करेंगे। बदमाशी नहीं करेंगे। जिनका मौका मुआयना हुआ है वे जिंदगी भर याद रखेंगे। यदि सप्ताह में एक बार भी सामूहिक मौका मुआयना हो जाए तो रंगदारी मांगने वालों का रंग उतर जाएगा और अपराध से तौबा कर लेंगे। इसी तरह चाकूबाजों का गुरूर और सुरूर उतारने के लिए मौका मुआयना जरूरी हो गया है।
पिछले दिनों नीलगंगा थाना क्षेत्र में एक बदमाश ने स्कूटी से अस्पताल जा रही गर्भवती को रोका और रंगदारी मांगी। न देने पर मारपीट की। उसने थाने पहुंच कर पुलिस को शिकायत की। इसी तरह पंवासा थाना क्षेत्र में एक वृद्ध को रंगदार ने धमकाया। जब वृद्ध ने शराब के लिए पैसे देने से इनकार किया तो उसके साथ भी मारपीट की।
ऐसी ही घटना भैरवगढ़ थाना क्षेत्र में हुई। नागझिरी में हुई। चाकूबाजी की घटना तो हर एक दिन छोड़ कर हो रही है। माधवनगर थाना क्षेत्र में भी रंगदारी का मामला सामने आया है। अशोक नगर निवासी पवन को जाल स्कूल के मैदान पर रोक लिया गया। यहां कुबेर करोसिया ने उससे रंगदारी करते हुए शराब के लिए पैसे मांगे। जब उसने पैसे देने से मना किया तो मारपीट की और चाकू से हमला कर दिया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।
इतने चाकू बरामद होना बड़ी बात है
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस ने जिले भर में अभियान चलाया। वाहनों को रोक कर चालकों की तलाशी ली गई। इस अभियान की सफलता यह है कि पुलिस को 92 चाकू मिले। यह घटना इस बात को साबित करती है कि यह चाकूधारी घर से निकलते हैं तो खाली नहीं चलते। जब रास्ते में किसी से विवाद हो जाता है तो हमला करने से भी नहीं चूकते। शहर में हो रही चाकूबाजी की वारदातें प्रमाण हैं। जो घटनाएं हुई हैं उसमें हमलावर विवाद होने के बाद घर से या बाजार से खरीद कर चाकू नहीं लाए हैं। मौके पर ही उन्होंने जेब से निकाला और हमला किया है। यानी हथियार उनके पास पहले से उपलब्ध था।
चाकू रखने की स्टाइल ऐसी भी
चाकूधारियों ने चाकू रखने की कला फिल्म और क्राइम पेट्रोल से सीखी है। इसमें बताया गया है कि हमलावर ने चाकू कहां रखा था। क्राइम पेट्रोल का मकसद लोगों को अपराधी बनाना नहीं, सतर्क करना है। लेकिन युवा पीढ़ी उसे अलग अंदाज में ले रही है। मौजे के पास चमड़े के कवर में चाकू रखना। जब चैकिंग होती है तब पुलिस जेबों में तलाश करती है।
अनुभवी पुलिसकर्मियों के हाथ मौजे तक पहुंच जाते हैं। कुछ युवा ऐसे भी देखे गए जिन्होंने हाथ में कलाई से ऊपर और कोहनी से नीचे तक के लिए कवर बनवा रखे थे। पूरी बांह की शर्ट में यह कवर नजर नहीं आते। यदि सीधे हाथ से चाकू चलाते हैं तो उल्टे हाथ में कवर लगाते हैं। इतनी व्यवस्था के बाद भी यह बच नहीं सके। बाइक और स्कूटी में भी चाकू रखने का चलन बढ़ गया है। पुलिस इनसे दो कदम आगे है। इन्हें भी दबोचा गया।
एसपी ने भी भ्रमण किया
एसपी प्रदीप शर्मा के निर्देश पर जिला पुलिस बल ने चौतरफा चैकिंग अभियान चलाया। इसे कांबिंग गश्त भी कहा जाता है। एसपी स्वयं निरीक्षण करने पहुंचे। प्रत्येक पाइंट पर जाकर उन्होंने न सिर्फ अभियान को परखा बल्कि कुछ देर रुक कर चैकिंग का तरीका भी देखा। जहां लगा, वहां समझाइश भी दी।
पुलिस के इस अभियान से यकीकनन लोगों को राहत मिलेगी। लोगों का कहना है कि एसपी ने जो मौका मुआयना अभियान चलाया था एक बार पुन: उसकी जरूरत महसूस की जा रही है।उस अभियान से बदमाशों में खौफ पैदा होगा। जिस प्रकार मकानों पर जेसीबी चलाने से अपराधों में कमी आई। गुंडे-बदमाश डरने लगे कि यदि अपराध किया तो मकान टूट जाएगा।