सदन में अटल बिहारी वाजपेयी और राहुल गांधी की कसम देने के अस्त्र चले
कांग्रेस औपचारिक बहिष्कार नहीं कर सकी दिग्विजयसिंह के लिए छोड़ा सम्मेलन
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। नगर निगम ने 4782.51 करोड़ रुपए का बजट पारित करने के साथ एक राष्ट्र-एक चुनाव का समर्थन भी सदन में पारित किया। खास बात यह रही कि इस बार सदन में एक दूसरे पक्ष के पार्षदों को चुप रखने के लिए भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कसम भी दी गई। निगम अध्यक्ष कलावती यादव ने आसंदी की गरिमा बनाए रखते हुए सभी पार्षदों को सदन की गरिमा बनाए रखने पर जोर दिया। सम्मेलन में गिनती के कांग्रेस सदस्य आए और वे भी दो बार सदन से चले गए, लेकिन औपचारिक बहिष्कार की घोषणा नहीं की।
ये दृश्य है शुक्रवार को नगर निगम के विशेष सम्मेलन का, जिसमें 21 लाख रुपए की बचत का बजट पारित हुआ। निगम सम्मेलन में एक राष्ट्र एक चुनाव के समर्थन में प्रस्ताव रखा गया और जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया। इसके साथ उज्जैन नगर निगम ने एक राष्ट्र एक चुनाव कराने की दिशा में अपनी ओर से पहल की। महापौर ने पहली बार 4782.51 रुपए का बजट सदन पटल पर रखा, जिसे पारित कर दिया गया। 4782.30 करोड़ खर्च के साथ 21 लाख रुपए की बचत के इस बजट का कांग्रेस पूरी ताकत से विरोध नहीं कर सकी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के शहर आगमन की खबर मिलने पर सभी कांग्रेस पार्षद सदन से जाने लगे। तब निगम अध्यक्ष कलावती यादव ने कहा आप विधिवत बहिष्कार दर्ज कराएं, इस तरह सदन से सभी का जाना उचित नहीं।
20 मिनट के लिए सदन स्थगित करने के बाद कांग्रेस पार्षदों ने अपने विचार रखे। इस दौरान भाजपा पार्षदों ने विरोध व्यक्त किया तो कांग्रेस पार्षदों ने कहा आपको अटल बिहारी वाजपेयी जी की कसम है। तब भाजपा पार्षदों ने पूरी बात बिना किसी शोर के सुनी। दूसरा दृश्य तब दिखाई दिया जब पार्षद गब्बर भाटी के हिंदू विरोधी बयान से कांग्रेस पार्षद उखड़ गए। भाजपा पार्षदों ने कहा आपको राहुल गांधी की कसम है। अब आपकी बारी है सुनने की। लेकिन कांग्रेस पार्षद पहले आसंदी के बीच बैठे फिर सभी उठकर बाहर चले गए। एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी ने यह कहकर चुटकी ली कि विपक्ष जोर से अपनी बात कहता है लेकिन पक्ष की सुनता नहीं।
संतुलित बजट, शहर विकास के आसार…
नगर निगम का यह बजट पहली बार चार हजार करोड़ पार पहुंचा है। विशेषज्ञों की मानें तो वर्तमान परिस्थितियों में यह संतुलित है और इससे शहर विकास को बड़ी मदद मिलेगी। नगर निगम की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए फिजूलखर्ची पर रोक के लिए कठोर कदम उठाए गए हैं तो आय बढ़ाने के प्रावधान भी किए गए हैं। नई पहल भी की गई है।