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सुप्रीम कोर्ट का आवारा कुत्तों को लेकर बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में 11 अगस्त के उस निर्देश में संशोधन किया है, जिसमें आवारा कुत्तों को पकड़कर उन्हें शेल्टर होम में रखने की बात कही गई थी. कोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा कि केवल बीमार और आक्रामक कुत्तों को ही शेल्टर होम में रखा जाएगा.

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कोर्ट ने कहा है कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में नहीं रखा जाएगा. यहां तक कि जिन कुत्तों को शेल्टर होम में भेजा गया है, उन्हें तुरंत छोड़ा जाएगा. नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को छोड़ा जाएगा. शेल्टर होम भेजे गए कुत्ते छोड़े जाएंगे. सिर्फ बीमार और आक्रामक कुत्तों को ही शेल्टर होम में ही रखा जाएगा.

जस्टिस विक्रम नाथ की अगुवाई में तीन जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया. इसके साथ ही कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस भी जारी किया है. कोर्ट ने हर कम्युनिसिपल ब्लॉक में आवारा कुत्तों को खिलाने के लिए अलग से स्पेस खोले जाएंगे. सिर्फ निर्धारित जगह पर ही कुत्तों को खाना दिया जाएगा. सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों को खाना नहीं खिलाया जाएगा. ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी.

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कोर्ट ने कहा कि कुत्तों को जहां से उठाया गया है, उन्हें उसी जगह रिलोकेट किया जाएगा. हर वॉर्ड में कुत्तों को खाना खिलाने के लिए फीडिंग जोन बनाए जाएंगे. सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर मनाही है. अदालत ने कहा कि किसी भी जगह कुत्तों को खाना खिलाने से समस्या होती है. नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन शुरू की जाएगी.
अदालत ने कहा कि कुत्तों को निश्चित जगह पर खाना खिलाने के लिए फीडिंग जोन बनाए जाएंगे, जिसके लिए एनजीओ को 25000 रुपये की धनराशि दी जाएगी.

कोर्ट के इन निर्देशों के पालन में कोई भी शख्स या संगठन व्यवधान उत्पन्न नहीं करे. इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि पशु प्रेमी आवारा कुत्तों को अडॉप्ट करने के लिए एप्लिकेशन दायर कर सकते हैं. ये जिम्मेदारी उनकी होगी कि एक बार गोद लिए गए कुत्तों को दोबारा सड़कों पर नहीं छोड़ा जाए.

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