अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे बनाने की निविदा खुल चुकी है। वहीं उज्जैन-झालावाड़ रोड के शेष हिस्से को फोरलेन में तब्दील करने के लिए डीपीआर बनना शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि सिंहस्थ 2028 से पहले इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन होने से आवागमन में आसानी होगी और क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होगा।दरअसल, सालभर पहले 102.80 किमी लंबी उज्जैन-जावरा फोरलेन परियोजना को मंजूरी दी गई थी जो ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे के रूप में धरातल पर उतारी जाना तय किया गया है।
वर्तमान में जो मार्ग है वह इससे प्रभावित नहीं होगा। यह मार्ग पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप हाइब्रिड एनयूटी आधार पर बनाया जाएगा। जिस पर 7 बड़े और 26 छोटे पुल सहित 270 पुलिया, पांच फ्लायओवर और दो रेलवे ओवरब्रिज होंगे। यह मार्ग जावरा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा। परियोजना का सिविल कार्य 730 दिन में करवाने के लिए मप्र सडक़ विकास निगम ने 8 अप्रैल तक निविदा आमंत्रित की थी। निविदा खोले जाने के बाद इसमें कितनी ठेकेदार फर्मों ने भाग लिया, यह अभी तक साफ नहीं किया गया है। बताया गया है कि परियोजना में सडक़ विकास निगम 557 और 4460 करोड़ का भुगतान राज्य बजट से किया जाएगा।
डीपीआर बनने की शुरुआत
इधर, उज्जैन-झालावाड़ रोड के शेष 107 किमी के हिस्से को फोरलेन में परिवर्तित करने के लिए डीपीआर बनाना शुरू कर दिया गया है। एनएचएआई से जुड़ी एक फर्म 6.40 करोड़ रुपए में इसकी योजना बनाने का काम कर रही है जो जनवरी 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगी। दरअसल, उज्जैन से झालावाड़ की दूरी 180 किमी है। राजस्थान सीामा तक इसक मार्ग की लंबाई 134 किमी है जिसमें से उज्जैन नगर सीमा नाका नंबर 5 से घौंसला तक 27 किमी का फोरलेन वर्ष 2026 में बन चुका है। अब इसके आगे राजस्थान सीमा तक शेष 107 किमी लंबे टू-लेन को फोरलेन में बदला जाएगा। इससे घौंसला, घट्टिया, आगर, सुसनेर, सोयत तक का सफर आसान हो जाएगा। आपको बता दें कि केंद्रीय सडक़ एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडक़री ने 10 अप्रैल को धार में हुए एक कार्यक्रम में उज्जैन-झालावाड़ रोड को फोरलेन में बदलने की घोषणा की थी।