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अगले सत्र से पहली, छठी और 9वीं की किताबें बदलेंगी

पढ़ाई का प्रेशर कम करने की तैयारी, 30 घंटे पढऩे पर एक क्रेडिट प्वॉइंट मिलेगा

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:स्कूली बच्चों से पढ़ाई का बोझ कम करने व उन्हें स्किल्ड करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पहली, छठी और 9वीं कक्षा की किताबें बदलने की तैयारी कर रहा है। एनसीईआरटी (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग) इस पर काम कर रहा है। संभवत: अगले सत्र (2025-26) से नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।

9वीं के विद्यार्थियों को आने वाले समय में 9 के बजाए 10 विषयों की पढ़ाई करना होगा। सभी में पास होने के बाद ही 10वीं में प्रमोशन दिया जाएगा। 9वीं की पढ़ाई में थ्री लेंग्वेज सिस्टम लागू किया जाएगा। हिंदी, अंग्रेजी के अलावा एक क्षेत्रीय भाषा चुनना होगी। इस तरह तीन लैंग्वेज, तीन कोर सब्जेक्ट्स (साइंस, मैथ्स, सोशल साइंस) और चार स्किल सब्जेक्ट (आईटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फिजिकल एजुकशेन, आर्ट, डिजाइन थिंकिंग सहित अन्य में से) की पढ़ाई होगी।

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9वीं के स्टूडेंट्स यदि फ्रेंच या जर्मन जैसी भाषा सीखना चाहता हैं तो वे अतिरिक्त विषय के रूप में उसे चुन सकेंगे, यह उनके लिए 11वां विषय होगा। सीबीएसई ने इन बदलाव से जुड़ा प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। संभवत: 2025-26 सत्र से नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।

एनसीईआरटी कर रहा नई किताबों पर काम

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एनसीईआरटी पहली, छठी और 9वीं कक्षा के लिए नई किताबों को लेकर काम कर रहा है। बच्चों से पढ़ाई का प्रेशर कम करने सहित उन्हें स्किल्ड करने पर फोकस किया जा रहा है। पहले 2024-25 सत्र से ही नई किताबें कोर्स में शामिल करने की योजना थी, लेकिन काउंसिल सदस्यों में आम सहमति नहीं होने से इस सत्र में पुरानी किताबें ही पढ़ाई जाएंगी।

2025-26 के सत्र में पांचवीं और आठवीं के स्टूडेंट्स के लिए नो डिटेंशन पॉलीसी लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके तहत यदि किसी स्टूडेंट्स को 25 फीसदी से कम नंबर आते हैं या उसकी उपस्थित 75 फीसदी से कम है तो अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा। अब तक पहली से आठवीं तक किसी को फेल नहीं करने को लेकर नो डिटेंशन पॉलीसी लागू है।

सालभर में 800 घंटे की पढ़ाई जरूरी

सीबीएसई ने अगले (2024-25) सत्र में स्कूलों को स्टूडेंट्स को साल में 800 घंटे पढ़ाने की अनिवार्यता से पालन करने के सख्त आदेश दिए हैं। नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत पढ़ाई के घंटों के आधार पर स्टूडेंट्स को क्रेडिट प्वॉइंट मिलेंगे, जो उनके डीजी लॉकर में जमा होंगे। 30 घंटे पढऩे पर एक क्रेडिट प्वॉइंट मिलेगा। छठी कक्षा में नए सत्र में छठी कक्षा में विद्यार्थियों को 6 के बजाए 8 विषयों की पढ़ाई करना होगी। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा एक क्षेत्रीय भाषा और एक स्किल सब्जेक्ट (आईटी, एआई, फिजिकल एजुकेशन, आर्ट सहित अन्य में से) का चुनाव करना होगा।

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