जातिगत जनगणना के आंकड़ों के संकलन और प्रकाशन की स्पष्ट समय सीमा भी घोषित करें केंद्र

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। केंद्र सरकार ने वर्ष- 2026 की जनगणना के साथ ही जातिगत जनगणना कराने की घोषणा भी अंतत: कर दी है। यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक क्रांतिकारी और ऐतिहासिक कदम है। केन्द्र सरकार का यह कदम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की दूरदर्शिता, अथक संघर्ष और जनहित के प्रति उनकी अडिग प्रतिबद्धता की जीत है।
यह बात मध्यप्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और उज्जैन के मीडिया प्रभारी संतोष सिंह गौतम ने शनिवार को शहर कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारवार्ता के दौरान कही। गौतम ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस यह मांग भी करती है कि अब यह प्रक्रिया किसी भी हालत में और विलंबित नहीं होनी चाहिए। सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लिया जाना चाहिए। संसद में इस विषय पर तत्काल बहस कराई जानी चाहिए।
सरकार को इसके लिए तुरंत धन आवंटित करना चाहिए और जनगणना की प्रत्येक अवस्था – प्रश्नावली व पद्धति की तैयारी से लेकर आंकड़ों के संकलन, वर्गीकरण और अंतत: उनके प्रकाशन तक – के लिए स्पष्ट समय सीमा घोषित करना चाहिए। यह पूरी प्रक्रिया हर चरण में पारदर्शी और सहभागी होनी चाहिए। एकत्र किए गए आंकड़े सार्वजनिक नीति की व्यापक समीक्षा का आधार बनने चाहिए-विशेषकर आरक्षण, कल्याण योजनाओं, शैक्षिक पहुंच और रोजगार के अवसरों के क्षेत्र में। कांग्रेस पार्टी का यह स्पष्ट मानना है कि यदि जातिगत जनगणना को उचित तरीके से डिजाइन और क्रियान्वित किया जाए, तो ही यह समाज के सभी वर्गों के लिए लाभकारी सिद्ध हो पाएगी।