पानी से बदहाल, नगरकोट मंदिर का हाल

मां की मूर्ति के निकल रही गंदे पानी की धार, नीचे बाल्टी लगाई, मंदिर में भी चारों ओर से रिस रहा पानी
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
मंदिर परिसर में मौजूद प्राचीन बावड़ी भी धंसने की कगार पर
नवरात्रि में अव्यवस्थाओं के बीच कैसे दर्शन करेंगे श्रद्धालु
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। मप्र की धार्मिक राजधानी उज्जैन मंदिरों का शहर है। यहां कदम-कदम पर आपको मंदिर मिल जाएंगे। १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान महाकाल, 52 शक्तिपीठों में से एक मां हरसिद्धि मंदिर, कालभैरव सहित अतिप्राचीन दैवीय मंदिर हैं। इन्हीं में से एक मंदिर है नगरकोट महारानी मंदिर। गोवर्धन सागर के समीप स्थित नगरकोट मंदिर में माता की मूर्ति भव्य और मनोहारी है। मंदिर परिसर में ही एक बावड़ी है जो परमारकालीन बताई जाती है। इतने पौराणिक महत्व और प्राचीनता को अपने अंदर समेटे यह मंदिर आज बदहाल है।
दरअसल, नवरात्र की तैयारियों को लेकर जब अक्षरविश्व टीम मंदिर पहुंची तो माता के इस प्राचीन मंदिर की हालत देखकर चौंक गई। मंदिर के पुजारी से चर्चा की तो उनका गुस्सा जिम्मेदारों पर फूट पड़ा। चलिए आपको फोटो के माध्यम से बताते हैं मंदिर की बदहाली की कहानी।
माता की मूर्ति से बहता गंदा पानी
स्कंद पुराण के अनुसार यह २४ देवियों में से एक है। माता की मूर्ति से गंदे पानी की धारा बह रही है। मूर्ति के नीचे बाल्टी रख दी गई है ताकि पानी को इक_ा किया जा सके। दिनभर में कई बाल्टी पानी खाली किया जा रहा है।
मंदिर में रिस रहा गंदा पानी
मंदिर की बाउंड्रीवॉल और दीवारें जीर्णशीर्ण हो चुकी हैं जिससे पूरे मंदिर में चारों ओर से गंदा पानी रिस रहा है। ऐसे में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भी इसी गंदे पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ रहा है।
परमारकालीन बावड़ी धंसने की कगार पर
मंदिर परिसर में बावड़ी है जो परमारकालीन है। 100 फीट गहरी इस बावड़ी में गंदा पानी भरा है जो बदबू मार रहा है। बावड़ी की दीवारें और परकोटा धंसने की कगार पर है। कोई उस पर ना चढ़े इसलिए चारों ओर जाली लगा रखी है।
पूजन सामग्री और चिप्स के पैकेट फेंके जा रहे
मंदिर परिसर में बड़े सीमेंटेड गमले में पूजन सामग्री के पैकेट के साथ वेफर्स के पैकेट का कचरा भी फेंका जा रहा है। काफी दिनों से यह इसी तरह पड़ा है लेकिन इसकी सफाई की ओर अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।