रेलवे स्टेशन पर भीख मांगी, भट्टे पर मजदूरी भी की साथ नहीं छोड़ा, अब प्रेमी जेल में और प्रेमिका घर में
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। यह कहानी बेशक फिल्मी है लेकिन इस कहानी में दो प्रेमियों की ऐसी दास्तान है जिसे वे कभी भूल नहीं सकते। प्यार के लिए उन्होंने क्या-क्या नहीं किया। घर वाले और पुलिस उन्हें ढूंढती रही और वे लगातार चकमा देते रहे। प्रेम कहानी का कभी न कभी तो अंत होता ही है। इनकी प्रेम कहानी भी परवान नहीं चढ़ सकी। अंतत: एक मौका ऐसा भी आया कि दोनों पुलिस गिरफ्त में आ गए। अब प्रेमी को जेल भेज दिया गया है और उसकी प्रेमिका माता-पिता के हवाले कर दी गई है।
शुरूआत होती है बडऩगर से। बदनावर के ग्राम खेड़ा का रहने वाला 19 वर्षीय अंकुश अपने परिजनों के साथ बडऩगर में रहता था। पास में ही रहने वाली नाबालिग से मेल मिलाप हुआ। दोनों ने अपनी सोशल मीडिया की आईडी एक दूसरे को शेयर की। फिर उसी पर बातचीत होने लगी। दोनों बडऩगर से बाहर मिलना जुलना भी करने लगे। फिर दोनों ने घर छोडक़र शादी करने का प्लान भी बना लिया।
सबसे पहले रतलाम गए, तीन दिन रुके
प्यार का पहला पड़ाव रतलाम था…14 अक्टूबर को वे दोनों यहां पहुंचे। तीन दिन तक यहीं रहे। प्रेमिका एक हजार रुपए घर से लाई थी। प्रेमी के पास कुछ नहीं था। दोनों ने स्टेशन पर रातें गुजारीं। इधर प्रेमिका के परिजनों ने बडऩगर थाने में उसकी गुमशुदगी व अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने अंकुश के मोबाइल को ट्रेकिंग पर लगा दिया। उन्हें भनक लगी कि पुलिस तलाश रही है। दोनों यहां से ट्रेन में बैठकर अहमदाबाद चले गए।
स्टेशन पर यात्रियों से भीख मांगी
इधर पुलिस पीछे लग चुकी थी और उधर प्रेमी-प्रेमिका का प्यार परवान की ओर था। प्रेमी ने मोबाइल बंद कर लिया। अब वे निश्चिंत थे। इधर समस्या यह आ गई कि रुपए खत्म हो चुके थे। दोनों ने शर्म तोड़ी और स्टेशन पर ही यात्रियों से अपनी बेचारगी दिखाकर भीख मांगने लगे। लोगों ने भी दिल खोलकर मदद की। ऐसा करते हुए तीन दिन बीत चुके थे। प्रेमिका ने कहा ऐसा कब तक चलेगा, चलो काम ढूंढते हैं।
भट्टे पर मजदूरी करने लगे
प्रेमिका की बात प्रेमी के गले उतर गई। दोनों काम मांगने के लिए ईंट भट्टे पर गए। भट्टा संचालक ने परिचय मांगा। दोनों ने उसे स्वयं को पति-पत्नी बताया। आईडी दिखा दी। भरोसा होने पर दोनों को 450-450 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी पर रख लिया गया। अब इन दोनों के जीवन में नया सवेरा हो चुका था। दिन भर मजदूरी करते और शाम को 900 रुपए मिलने पर पति-पत्नी की तरह किराए के मकान में रहने लगे। जिंदगी की गाड़ी बेहतर तरीके से चलने लगी।
मोबाइल बना मुसीबत दोनों धरा गए
अंकुश और उसकी प्रेमिका थोड़े लापरवाह हो गए थे। वे यह समझे कि पुलिस उनकी फरारी को भूल चुकी है। यह उनकी गलत फहमी थी। मोबाइल ट्रेकिंग पर लगा था। अंकुश ने 15 दिन बाद मोबाइल चालू कर लिया। बस यही गलती उनके लिए मुसीबत का सबब बनी। पुलिस ने सिग्नल ढूंढते हुए दोनों को वहां से पकड़ लिया जहां वह रह रहे थे।
पुलिस उन्हें पकड़ कर बडऩगर थाने लाई। थाना प्रभारी अशोक पाटीदार ने बताया कि किशोरी का मेडिकल कराया गया। उसी आधार पर अंकुश के खिलाफ अपहरण, पास्को एक्ट व दुष्कर्म की धाराओं में केस दर्ज कर न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेजा गया। किशोरी को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। इस तरह प्रेमी प्रेमिका की कहानी का वही अंत हो गया।