दिल्ली से आई टीम हर्बल रसायन से कर रही सफाई

शिव नवरात्रि 17 से, श्री महाकालेश्वर मंदिर में तैयारियां तेज
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारियां तेज हो गई हैं। गर्भगृह में चांदी के रूद्र यंत्र, जलाधारी, दरवाजों की सफाई दिल्ली से आए सुशील शर्मा और उनकी टीम हर्बल रसायन से कर रही है जिससे गर्भगृह चमकने लगा है। इसके अलावा गुरुवार को परिसर में स्थित कुछ मंदिरों के गुंबद को पानी से धोया गया ताकि धूल साफ की जा सके।
दरअसल, 17 फरवरी से शिव नवरात्रि के साथ ही महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत होगी। 12 ज्योतिर्लिंगों में श्री महाकालेश्वर मंदिर ही ऐसा ज्योतिर्लिंग हैं जहां शिव नवरात्रि मनाई जाती है। इसका श्रद्धालुओं को भी बेसब्री से इंतजार रहता है। भगवान महाकाल अपने भक्तों को अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देते हैं। इसी उत्सव के लिए मंदिर में तैयारियां की जा रही हैं।
कोटेश्वर महादेव का करेंगे अभिषेक
17 फरवरी को पुजारी कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का अभिषेक-पूजन कर हल्दी अर्पित करेंगे। करीब एक घंटे के विशेष पूजन के बाद सुबह 9.30 बजे से गर्भगृह में बाबा महाकाल का पंचामृत अभिषेक एवं पूजन होगा। इसके बाद 11 ब्राह्मणों द्वारा रूद्रपाठ किया जाएगा। पूजन का यह क्रम दोपहर 1 बजे तक चलेगा। इसके बाद भोग आरती होगी। दोपहर 3 बजे संध्या पूजन होगा। यह क्रम महाशिवरात्रि (26 फरवरी) तक चलेगा।
साल में एक बाद दोपहर में भस्मार्ती
महाशिवरात्रि के अगले दिन 27 फरवरी को महाशिवरात्रि उत्सव का समापन होगा। साल में यह एकमात्र मौका होता है जब दोपहर में भस्मार्ती होती है। इस दिन 3 क्विंटल फूलों से बना बाबा महाकाल का सेहरा भक्तों के बीच लुटाया जाता है। मान्यता है कि बाबा के सेहरे के धान, फूल आदि रखने से घर हमेशा धन-धान्य से भरा रहता है।
आरती-पूजन का समय बदलेगा
शिव नवरात्र में अभिषेक-पूजन के विशेष अनुक्रम के कारण श्री महाकालेश्वर मंदिर में भोग आरती एवं संध्या पूजन का समय बदलेगा। अभी सुबह 10 बजे भोग आरती एवं शाम 5 बजे संध्या पूजन होता है लेकिन शिव नवरात्र के दौरान दोपहर 1 बजे भोग आरती एवं दोपहर 3 बजे संध्या पूजन होगा।