उपवास करने के है अनेक फायदें, उपवास के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

By AV News
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व्रत के अपने-अपने प्रकार या तरीके होते हैं। हिन्दू धर्म में ही एक ही व्रत रखने के अलग-अलग तरीके होते हैं। लेकिन आमतौर पर निम्नलिखित प्रकार के उपवास प्रचलित हैं :-

साप्ताहिक उपवास – इस प्रकार के उपवास में लोग सप्ताह में एक दिन उपवास रखते हैं, यह सप्ताह का कोई भी दिन हो सकता है। सप्ताह में रखे गये उपवास को मुख्य रूप से तीन तरह से रखा जा सकता है, जिसमें कुछ लोग पुरे उपवास में कुछ भी खाना-पीना नहीं लेते, वहीं कुछ केवल तरल उत्पाद के साथ ही उपवास रखते हैं, और कुछ लोग तरल उत्पाद के साथ दिन में एक बार खाना लेते हैं। साप्ताहिक उपवास में कुछ लोग नमक से दूरी भी बनाते हैं।

फलाहार उपवास – उपवास में आमतौर पर सूर्यास्त के बाद सात्विक खाना ले लिया जाता है। लेकिन कुछ लोग ठोस खाना नहीं लेते, बल्कि फलाहार या जूस ही लेते हैं।

निराहार उपवास – उपवास के इस प्रकार में लोग किसी भी प्रकार का खाना नहीं, वह बस कुछ निर्धारित समय पर साफ़ पानी ही ले सकते हैं। इसे पूर्णोपवास उपवास भी कहा जाता है।

निर्जला उपवास – यह उपवास सबसे कठिन माना जाता है, क्योंकि इस उपवास में कुछ भी खाने और पीने में पाबंदी होती है। यह उपवास 24 घंटे से लेकर कुछ दिनों तक चल सकता है।

दूध का उपवास – इस उपवास के प्रकार में व्यक्ति सिर्फ दूध का सेवन करता है। इस उपवास को “दुग्ध कल्प” भी कहा जाता है और यह उपवास कुछ दिनों तक चल सकता है।

दीर्घ कालीन उपवास – यह उपवास लंबे समय तक चलते हैं और इन उपवासों में बहुत कम खाने या पीने की अनुमति होती हैं। वहीं कुछ उपवासों में कुछ भी खाने पीने की अनुमति नहीं होती, ऐसे उपवास आमतौर पर जैन धर्म में रखें जाते हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग  – लगातार बढ़ते वजन को कम करने के लिए उपवास का यह प्रकार आज कल सबसे ज्यादा चलन में हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग को सबसे ज्यादा वजन कम करने के लिए रखा जाता है। उपवास के इस प्रकार में खाने का वक्त या पैटर्न बदला जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान व्यक्ति को एक से दो दिन छोड़कर उपवास रखना होता है और इसकी समयावधि 14 घंटे से ज्यादा होती है। इस उपवास के दौरान खाने पीने की मात्रा को घटाया जाता है, हाँ लेकिन उपवास के दौरान पौष्टिक तरल उत्पाद लिए जा सकते हैं।

उपवास रखने के क्या फायदे हैं?
इस बात में कोई दोहराए नहीं है कि अभी तक कई लोगों का यह मानना है कि व्रत या उपवास केवल और केवल एक किस्म का धार्मिक अनुष्ठान है। लेकिन विज्ञान के अनुसार उपवास एक ऐसा तरीका या क्रिया है जिससे हमें कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। चलिए जानते हैं उपवास रखने से एक व्यक्ति को कितने स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं :-

मोटापा कम करे –

उपवास रखनेका सबसे बड़ा फायदा है कि आपका बढ़ा हुआ वजन कम होना शुरू हो जाता है। जब आप लगातार उपवास रखते हैं तो इस दौरान आपके कम खाने के नियम के अनुसार शरीर में चर्बी नहीं बनती और मौजूदा चर्बी भी घटने लगती है। ऐसे उपवास में आप किसी भी ठोस उत्पाद की जगह तरल उत्पाद को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

पाचन तंत्र को मजबूत करे –

अगर आप अक्सर पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो आप ऐसे में उपवास की मदद से इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। उपवास रखना पाचन तंत्र के लिए किसी हीलिंग थरेपी की तरह काम करता है, जिससे पाचन तंत्र को आराम मिलता है और उसे कुछ समय के लिए कम काम करना पड़ता है। एक शोध के अनुसार, 62।33% लोगों को उपवास के दौरान अपच की समस्या नहीं हुई, 27% लोगों की अपच की परेशानी ठीक हो गई। साथ ही उपवास को “चमत्कारिक इलाज” भी कहा जाता है, जिससे पाचन संबंधी विकार दूर हो सकते हैं। आप इस बात को ऐसे समझ सकते हैं, जैसे अगर कोई व्यक्ति बिना रुके दिन भर काम करता हैं तो उसे कई स्वास्थ्य हानिया होनी शुरू हो जायगी, लेकिन वहीं अगर उस व्यक्ति को आराम करने दिया जाए तो वः पहले के मुकाबले ज्यादा अच्छे से काम करेगा।

हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा  –

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में हृदय रोग मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। एक शोध के अनुसार दुनिया भर में करीब 30 प्रतिशत मौतों का कारण दिल से जुड़ा हुआ होता है। ऐसे में अगर आप उपवास रखते हैं तो आप इस समस्या से बड़ी आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। हृदय रोग होने के सबसे बड़े कारण रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को माना जाता है, जिन्हें उपवास की मदद से नियंत्रण में किया जा सकता है। जब आप उपवास रखते हैं तो इससे आपका रक्तचाप और खराब कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रण में आने लगता है जो कि हृदय स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक माना जाता है।

ब्लड प्रेशर के लिए उपवास  –

अगर आप उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे हैं तो आप उपवास की सहायता से इस समस्या में काफी लाभ प्राप्त कर सकते हैं या ठीक से कर के इस समस्या से छुटकारा भी पा सकते हैं। जब आप उपवास करते हैं तो उस दौरान आप कम खाते हैं और काम भी कम करते हैं, वहीं नमक और ज्यादा भारी खाने से भी दूरी बना कर रखते हैं। इन सभी उपायों की वजह से आपके शरीर में रक्त का दबाव ज्यादा नहीं बनता, जिससे रक्तचाप काबू में आने लगता है।

ब्लड शुगर लेवल को कम करे  –

अक्सर माना जाता है कि डायबिटीज वाले रोगियों को ज्यादा लंबे समय तक भूखा नहीं रहना चाहियें और यह सत्य भी है, क्योंकि ज्यादा लंबे समय तक भूखा रहने की वजह से उन्हें कई स्वास्थ्य हानियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन कई शोध में यह भी दावा किया जा चूका हैं कि जो लोग हाई ब्लड शुगर लेवल की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें उपवास की मदद से काफी लाभ मिल सकते हैं।

ब्रेन फंशन को बढ़ाने में और न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों को रोकने में मददगार  –

कई अध्ययनों में पाया गया है कि उपवास का मस्तिष्क स्वास्थ्य पर एक शक्तिशाली प्रभाव हो सकता है, हालांकि अनुसंधान ज्यादातर पशु अनुसंधान तक ही सीमित है। चूहों में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि 11 महीने तक रुक-रुक कर उपवास करने से मस्तिष्क के कार्य और मस्तिष्क की संरचना दोनों में सुधार हुआ।अन्य पशु अध्ययनों ने बताया है कि उपवास मस्तिष्क के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकता है और संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ाने में मदद करने के लिए तंत्रिका कोशिकाओं की पीढ़ी को बढ़ा सकता है।

क्योंकि उपवास सूजन को दूर करने में भी मदद कर सकता है, यह न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों को रोकने में भी मदद कर सकता है। विशेष रूप से, जानवरों के अध्ययन से पता चलता है कि उपवास अल्जाइमर रोग और पार्किंसंस जैसी स्थितियों से बचाव और परिणामों में सुधार कर सकता है। हालांकि, मनुष्यों में मस्तिष्क समारोह पर उपवास के प्रभावों का मूल्यांकन करने के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।

लंबी आयु देने में मददगार

एक अध्ययन में पाया गया है कि हर दूसरे दिन उपवास रखने वाले चूहों ने उम्र बढ़ने की दर में देरी का अनुभव किया और उन चूहों की तुलना में 83% अधिक जीवित रहे जो उपवास नहीं करते थे। अन्य जानवरों के अध्ययन में इसी तरह के निष्कर्ष मिले हैं, जिसमें बताया गया है कि उपवास दीर्घायु और जीवित रहने की दर बढ़ाने में प्रभावी हो सकता है। वहीं इस बात को बल देने के लिए कई ऐसी धर्मिक कहानियां भी है जिससे यह स्पष्ट होता है कि उपवास करने से उम्र बढ़ती है। इसका एक मूल कारण है, “पाचन तंत्र को लना आराम”। अगर कम खाना और पौष्टिक खाना खाया जाए तो पाचन तंत्र ठीक से काम करता है और शारीरिक समस्याएँ भी बहुत कम होती है, जिससे लंबे जीवन की संभावनाएं बढ़ने लगती है।

कोलेस्ट्रॉल कम करता –

अगर आपका खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल लगातार बढ़ रहा है तो आपको सप्ताह में एक बार उपवास जरूर रखना चाहिए, इससे आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर काफी नियंत्रण में आने लगता हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उपवास के दौरान आप बहुत कम खाना लेते हैं और जो खाना लिया जाता है वह सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक होता है और तेजी से पचता है। ऐसे में खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल बनने की संभवना काफी कम हो जाती है।

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उपवास  –

कोरोना काल के दौरान हम सभी इस बात को अच्छे से समझ चुके हैं कि एक मजबूत इम्यून सिस्टम होना हमारे लिए कितना जरूर होता है। अक्सर अपने सुना होता कि एक बेहतर इम्यून सिस्टम के लिए हमें कई तरह की चीज़े खानी चाहिए, लेकिन क्या आपको पता है कि उपवास की मदद से आप अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं। उपवास और इम्यून सिस्टम को लेकर हुए एक शोध के अनुसार, उपवास रखने से ऑटोफेगी यानी शरीर के सेल्स को साफ करने की क्षमता बेहतर हो सकती है। इससे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र व इम्युनिटी मजबूत हो सकती है, जिससे तमाम बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ सकती है।

शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मददगार  –

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि उपवास करने से हमारा शरीर और मन साफ़ होता है। अगर आप एक दिन उपवास करते हैं तो इससे आपके शरीर को कम काम करना पड़ता है और सबसे बड़ी बात पाचन तंत्र भी कम करता है, जिससे शरीर अच्छे से डिटॉक्सीफाई हो जाता है।

त्वचा को स्वस्थ बनाएं  –

अब तक शायद आपने अपनी त्वचा को ज्यादा चमकदार और स्वस्थ बनाने के लिए क्रीम और अन्य कॉस्मेटिक उत्पादों का ही प्रयोग किया होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि एक स्वस्थ त्वचा पाने के लिए आप उपवास भी रख सकते हैं। दरअसल, जब आप उपवास रखते हैं तो आप उस दौरान ज्यादा तला हुआ और तेल मसालेदार खाने से दूर रहते हैं, ऐसे में शरीर में ज्यादा विषाक्त तत्व नहीं बन पाते हैं और त्वचा स्वस्थ बनी रहती है। आप इस बारे में अच्छे से जानते ही होंगे कि ज्यादा तला हुआ और मसालेदार खाना लेने से हमारी त्वचा ऑयली होने लगती है और इसके अलावा और भी कई त्वचा संबंधित समस्याएँ होनी शुरू हो जाती है। आपने अभी ऊपर पढ़ा कि शरीर डिटॉक्सीफाई हो सकता है। जब शरीर डिटॉक्सीफाई होगा, तो शरीर में मौजूद विषाक्त तत्व बाहर निकलेंगे, जिससे त्वचा में नई चमक आएगी और त्वचा खूबसूरत दिखने लगेगी।

उपवास रखने से क्या नुकसान हो सकते हैं?

आपने अभी तक उपवास रखने के कई स्वास्थ्य लाभों के बारे में जाना, लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे केवल लाभ ही मिले। अगर उपवास को ठीक से न रखा जाए और समय से ज्यादा रखा जाए तो इसकी वजह से कई स्वास्थ्य हानिया भी हो सकती है। स्थिति इतनी गंभीर हो सकती है व्यक्ति को अस्पताल में दाखिल होना पड़ सकता है और बात जान तक भी बन सकती है। आमतौर पर उपवास की वजह से निम्नलिखित स्वास्थ्य हानियाँ होने की संभवना बनी रहती है :-

अगर लंबी अवधि तक का उपवास रखा जाए तो शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी हो सकती है। जिसकी वजह से सबसे तेजी से एनीमिया की समस्या होने की आशंका होती है। क्योंकि पौष्टिक तत्व न मिलने की वजह से लाक रक्त कोशिकाएं नहीं बन पाती और इसकी वजह से एनीमिया की समस्या हो जाती है।

अगर उपवास के दौरान सही पौष्टिक तत्व युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं किया जाए तो शरीर कमजोर होने लगता है और इसकी वजह से चक्कर और कमजोरी की समस्या होना होने लगती है।

अगर लने समय तक निर्जला व्रत रखा जाए तो इसकी वजह से शरीर में पानी की कमी तेजी से होना शुरू हो जाती है। इसके कारण व्यक्ति को कोमा का खरता भी बन सकता है।

अगर लने समय तक उपवास करने के तुरंत बाद भारी खाना ले लिया जाए तो इसकी वजह से तेज पेट दर्द और अन्य पाचन से जुड़ी समस्याएँ होना शुरू हो सकती है। इसलिए व्रत खोलने या तोड़ने के तुरंत बाद भारी खाना नहीं लेना चाहिए।

कुछ लोगों को भूखे रहने से चिड़चिड़ापन या गुस्सा आने की शिकायत हो सकती है। ऐसे में उनका ब्लड प्रेशर सामान्य से ज्यादा बढ़ सकता है।

ज्यादा देर भूखे रहने से सिरदर्द व शरीर में समस्या हो सकती है। ऐसे में जो लोग माइग्रेन और सर्वाइकल की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें लंबे समय तक उपवास नहीं रखना चाहिए।

उपवास के दौरान किन बातों का ध्यान रखें? 

अगर आप उपवास रखना चाहिते हैं तो उपवास शुरू करने से पहले निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जिससे आपको इस दौरान और इसके बाद समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा :-

अगर आप किसी गंभीर शारीरिक समस्या से जूझ रहे हैं या कोई विशेष दवा ले रहे हैं जिसे आप छोड़ नहीं सकते तो ऐसे में आपको उपवास नहीं रखना चाहिए।

अगर आप आपको गैस या एसिडिटी की समस्या है तो आपको उपवास से पहले या उपवास के दौरान चाय और कॉफ़ी के सेवन से बचना चाहिए। इतना ही नहीं उपवास के बाद भी इन दोनों चीजों से दूर रहें।

अगर आप पहली बार उपवास रख रहे हैं या लंबे समय तक पहली बार उपवास रख रहे हैं तो उपवास रखने से पहले भरपूर खाना बेहतर होगा। हाँ, लेकिन ऐसा कुछ भी न खाएं जिससे पेट और अन्य शारीरिक समस्याएँ होने की आशंका बढ़ जाए, बेहतर होगा कि आप सात्विक आहार लें।

उपवास के दौरान कठिन व्यायाम या ज्यादा देर तक व्यायाम करने से बचें। क्योंकि उपवास के दौरान आपके शरीर को ज्यादा उर्जा की जरूरत होती है ऐसे में ज्यादा थका देने वाले काम की वजह से आप उपवास से पहले ही थक जाएँगे।

उपवास पूरा होने के बाद आप अचानक खाना लेने से बचे और खासकर भारी खाने से, क्योंकि इसकी वजह से आपको कई स्वास्थ्य हानिया हो सकती है।

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