हमारे सामाजिक जीवन के लिए सारे रिश्ते जरूरी होते हैं, लेकिन कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जो न सिर्फ हमारे सामाजिक जीवन के लिए जरूरी होते हैं बल्कि हमारी पर्सनल लाइफ में भी बहुत महत्व रखते हैं। रिश्तों का सही होना सबसे ज्यादा जरूरी है अगर आप अपने रिश्तों को हेल्दी नहीं बना पा रहे हैं, तो धीरे-धीरे रिश्ते कमजोर पड़ जाते हैं और एक समय के बाद टूट जाते हैं।
कमजोर रिश्तों मजबूत बनाया जा सकता है, लेकिन रिश्तों के टूटने के बाद उन्हें जोड़ना इतना आसान नहीं होता है। हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि इन रिश्तों को जोड़ना असंभव है। अगर आपका रिश्ता भी कमजोर पड़ कर टूट चुका है या फिर टूटने की कगार पर पहुंच चुका है, तो भी आप उसे जोड़ सकते हैं बस आपको कुछ खास बातों का उसके लिए ध्यान रखना होगा।
खुद से बात शुरू करना
जिन्हें रिश्तों की कदर होती है वे अपने रिश्ते बचाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार होते हैं और जो इन चीजों के समझ नहीं पाते हैं उनके रिश्ते अगर टूट जाते हैं। लेकिन रिश्तों को टूटने से बचाने के लिए या फिर टूटे हुए रिश्ते को फिर से जोड़ने के लिए आपको सबसे पहले यह बात समझनी होगी कि उन्हें जरूरत हो या ना हो आपको जरूरत है। इसलिए हमेशा खुद से ही बातें शुरू करने की कोशिश करें। अगर आप खुद से बातें करना शुरू करेंगे तो टूटे हुए रिश्ते भी जुड़ने लगेंगे।
मन को चंचल न होने देना
अगर आपका मन बहुत ज्यादा चंचल है तो यह रिश्तों के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। आप जब मन चंचल हो जाता है, तो इसके कारण सबसे ज्यादा रिश्तों में खटास आने लगती है। समय रहते अगर इनका ध्यान न दिया जाए तो यह आपके रिश्तों को कमजोर बनाने लगता है। इसलिए रिश्तों की मजबूती रखना जरूरी है और अगर आपके रिश्ते मजबूत रहेंगे तो सब कुछ सही रहेगा।
हमेशा सपोर्टिव रहें
रिश्तों के बीच एक दूसरे की रिस्पेट करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। प्यार कम सही पर रिस्पेक्ट होना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। इसलिए रिस्पेक्ट और एक दूसरे के लिए सपोर्ट की कमी होने के कारण ही रिश्ते अक्सर टूटने लगते हैं। आज से ही रिश्तों में सपोर्टिव बनें और आप देखेंगे आपके रिश्ते फिर से ठीक होने लगेंगे।
पॉजिटिव चीजों पर ध्यान दें
रिश्ते सबसे ज्यादा तब कमजोर पड़ते हैं, जब हम उनकी अच्छाइयों को गिनना बंद कर देते हैं और सिर्फ बुरी चीजों पर ही ध्यान देते हैं। आपके रिश्तों को कमजोर पड़ने के पीछे भी एक यही कारण हो सकता है कि आप उनकी नेगेटिव पॉजिटिव चीजों को न देख कर उनकी नेगेटिव चीजों पर ध्यान दे रहे होते हैं और इस कारण से स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है।